पुणे के एक गांव का फैसला, इलाके में नहीं खरीदे और बेचे जाएंगे चीनी सामान, जारी किया पर्चा

चीन के खिलाफ लोगों का आक्रोश थम नहीं रहा है। अब पुणे जिले की एक ग्राम पंचायत ने प्रस्ताव पास कर एक जुलाई से गांव में चीनी सामान की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 27 Jun 2020 06:02 AM (IST) Updated:Sat, 27 Jun 2020 06:02 AM (IST)
पुणे के एक गांव का फैसला, इलाके में नहीं खरीदे और बेचे जाएंगे चीनी सामान, जारी किया पर्चा
पुणे के एक गांव का फैसला, इलाके में नहीं खरीदे और बेचे जाएंगे चीनी सामान, जारी किया पर्चा

पुणे, एएनआइ। महाराष्ट्र के पुणे जिले की कोंधवे-धावडे ग्राम पंचायत ने प्रस्ताव पास कर एक जुलाई से गांव में चीनी सामान की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है। ग्राम पंचायत ने इस संबंध में एक पर्चा (सर्कुलर) जारी किया है, जिसे दुकानदारों और ग्रामीणों के बीच बांटा जा रहा है। इसमें कहा गया है कि गांव का कोई भी दुकानदार चीनी सामान नहीं रखेगा। इसके साथ ही गांव का कोई भी व्यक्ति चीनी सामान नहीं खरीदेगा। कोंधवे-धावडे गांव के सरपंच नितिन धावडे ने कहा कि यह फैसला मासिक बैठक के दौरान लिया गया।

सरपंच ने बताया कि हम ग्राम पंचायत के ठेकेदारों को भी इस निर्णय के बारे में बता रहे हैं। उनके साथ अनुबंध के दौरान भी चीनी उत्पादन का इस्तेमाल नहीं किए जाने की शर्त रखेंगे। हम दुकानदारों और ग्रामीणों को भी चीनी उत्पादों की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने के लिए कह रहे हैं। इसके लिए हम पोस्टर-बैनर भी लगाएंगे। उल्‍लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन की कायराना हरकतों को लेकर देशभर में गुस्‍सा देखा जा रहा है। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने चीन की तीन कंपनियों के साथ हुए करीब 5,000 करोड़ रुपये के करार को होल्‍ड पर रखने की घोषणा की थी।

बीते दिनों संघ ने भी एक महत्वपूर्ण बैठक कर देश में चीन निर्मित सामानों के बहिष्कार के लिए चलाए जाने वाले अभियान का नेतृत्व करने का फैसला किया था। इससे पहले कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार अभियान में मुख्यमंत्रियों और राजनीतिक दलों का समर्थन मांगा था। यही नहीं कैट के 'भारतीय सामान-हमारा अभिमान' के आह्वान पर क्रिकेटर हरभजन सिंह ने किसी भी चीनी ब्रांड का विज्ञापन न करने की घोषणा की थी। सरकार भी चीन से आयात होने वाले कुछ स्टील उत्पादों पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगा चुकी है।

सामान को लेकर भारतीय बाजारों में विरोध-प्रदर्शनों को देखते हुए चीन ने एक अलग तरीका अपनाया है। चीन अब हांगकांग के रास्ते भारत में अपने सामान भेज रहा है। यही वजह है कि इस वर्ष मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष के दौरान चीन के साथ भारत के व्यापार घाटे में कमी आई लेकिन हांगकांग के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ गया। सूत्रों का कहना है कि अब वाणिज्य मंत्रालय हांगकांग के साथ बढ़ते व्यापार घाटे की समीक्षा कर रहा है ताकि हांगकांग के रास्ते आने वाले चीनी सामानों पर रोक लगाई जा सके।

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