सार्वजनिक परिसर घोषित होंगी वक्फ संपत्तियां

नई दिल्ली [राजकेश्वर सिंह]। जबरदस्त अतिक्रमण, पट्टे के बहाने खरीद-फरोख्त की शिकार लगभग सवा लाख करोड़ की वक्फ संपत्तियों को खाली कराने के लिए कानून और कड़ा होगा। अवैध कब्जेदारों और उन्हें संरक्षण देने वालों के दबाव में पूर्व में एक बार पीछे हट चुकी सरकार अब इस पर नए सिरे से आगे बढ़ रही है। तैयारी, वक्फ संपत्तियों के परिसर को ही सार्वजनिक परिसर घोषित कर देने की है। कानूनन सार्वजनिक परिसर घोषित हो जाने के बाद उस पर न तो अतिक्रमण हो सकेगा और न अवैध कब्जा। ऐसा हुआ भी तो उसे खाली कराना आसान होगा।

By Edited By: Publish:Wed, 13 Feb 2013 09:15 PM (IST) Updated:Wed, 13 Feb 2013 09:24 PM (IST)
सार्वजनिक परिसर घोषित होंगी वक्फ संपत्तियां

नई दिल्ली [राजकेश्वर सिंह]। जबरदस्त अतिक्रमण, पट्टे के बहाने खरीद-फरोख्त की शिकार लगभग सवा लाख करोड़ की वक्फ संपत्तियों को खाली कराने के लिए कानून और कड़ा होगा। अवैध कब्जेदारों और उन्हें संरक्षण देने वालों के दबाव में पूर्व में एक बार पीछे हट चुकी सरकार अब इस पर नए सिरे से आगे बढ़ रही है। तैयारी, वक्फ संपत्तियों के परिसर को ही सार्वजनिक परिसर घोषित कर देने की है। कानूनन सार्वजनिक परिसर घोषित हो जाने के बाद उस पर न तो अतिक्रमण हो सकेगा और न अवैध कब्जा। ऐसा हुआ भी तो उसे खाली कराना आसान होगा।

वक्फ [संशोधन] विधेयक-2010 में नए बदलावों के साथ सरकार वक्फ संपत्तियों को बचाने का यह नया प्रावधान करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, विधेयक पर राज्यसभा की प्रवर समिति की सिफारिशों पर विचार के बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने उसके मसौदे में एक नया प्रावधान भी शामिल कर दिया है। उसके तहत वक्फ संपत्तियों के सभी परिसर 'सार्वजनिक परिसर' के रूप में जाने जाएंगे। इसके अलावा वक्फ संपत्तियों से ज्यादा आमदनी और बेहतर प्रबंधन के मद्देनजर भी उसमें जरूरी प्रावधान किए गए हैं। सूत्रों की मानें तो विधेयक के नए मसौदे को अब सिर्फ कैबिनेट की हरी झंडी का इंतजार है। विधेयक को संसद के अगले सत्र में ही पारित कराने की तैयारी है।

देश में लगभग पांच लाख रजिस्टर्ड वक्फ संपत्तियां हैं। प्रबंधकों व दूसरे ओहदेदारों की साठगांठ से उन पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण है। सच्चर कमेटी ने इन संपत्तियों की कीमत 1.20 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया था। अकेले दिल्ली में छह हजार करोड़ की संपत्तियां आंकी गई थीं। बताते हैं कि इन संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन से सालाना 1.63 करोड़ की आमदनी का अनुमान लगाया जा चुका है। फिर भी दिक्कतें जस की तस हैं।

वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन, अवैध कब्जों को खाली कराने, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के मद्देनजर सरकार ने 2010 में ही वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा से पारित करा लिया था। लेकिन उसके बाद सरकार ने उसे राज्यसभा पारित कराने के बजाय इस गोरखधंधे में शामिल लोगों के मुखालिफत के चलते अगस्त, 2010 में खुद ही प्रवर समिति को सौंप दिया। संसद के पिछले सत्र में उसकी रिपोर्ट आ चुकी है। लिहाजा सरकार नए जरूरी संशोधनों के साथ विधेयक को संसद के अगले सत्र में राज्यसभा में फिर से लाने की तैयारी में है।

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