12वीं के बाद तीन साल के एलएलबी पाठ्यक्रम को लेकर जनहित याचिका, सुप्रीम कोर्ट पर टिकी सबकी निगाहें

वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि वह विज्ञान स्नातक (बीएससी) वाणिज्य स्नातक (बीकॉम) और कला स्नातक (बीए) पाठ्यक्रम की तरह 12वीं कक्षा के बाद तीन वर्षीय विधि स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने के लिए केंद्र और बीसीआई को निर्देश देने का अनुरोध कर रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Siddharth Chaurasiya Publish:Wed, 17 Apr 2024 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 17 Apr 2024 06:00 AM (IST)
12वीं के बाद तीन साल के एलएलबी पाठ्यक्रम को लेकर जनहित याचिका, सुप्रीम कोर्ट पर टिकी सबकी निगाहें
छात्र किसी भी विषय में स्नातक करने के बाद तीन साल का एलएलबी कोर्स भी कर सकते हैं।

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें केंद्र और भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) को 12वीं कक्षा के बाद मौजूदा पांच वर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम के बजाय तीन वर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम की व्यवहार्यता तलाशने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

वर्तमान में छात्र प्रमुख राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाए गए संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (सीएलएटी) के माध्यम से कक्षा 12 के बाद पांच वर्षीय एकीकृत विधि पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं। छात्र किसी भी विषय में स्नातक करने के बाद तीन साल का एलएलबी कोर्स भी कर सकते हैं।

वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि वह विज्ञान स्नातक (बीएससी), वाणिज्य स्नातक (बीकॉम) और कला स्नातक (बीए) पाठ्यक्रम की तरह 12वीं कक्षा के बाद तीन वर्षीय विधि स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने के लिए केंद्र और बीसीआई को निर्देश देने का अनुरोध कर रहे हैं।

इसमें दावा किया गया कि एकीकृत पाठ्यक्रम के लिए पांच साल की लंबी अवधि मनमानी और तर्कहीन है क्योंकि यह विषय के लिए आनुपातिक नहीं है और छात्रों पर अत्यधिक वित्तीय बोझ डालती है।

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