शिक्षण प्रणाली को लोकतान्त्रिक बना रहे हैं ऑनलाइन माध्यम : प्रो. संजय द्विवेदी

कुलपति प्रो. संजय द्विवेदी ने ‘ऑनलाइन मीडिया शिक्षा की भूमिका और नई दिशा’ विषय पर रखी अपनी बात।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Mon, 15 Jun 2020 09:46 PM (IST) Updated:Mon, 15 Jun 2020 09:46 PM (IST)
शिक्षण प्रणाली को लोकतान्त्रिक बना रहे हैं ऑनलाइन माध्यम : प्रो. संजय द्विवेदी
शिक्षण प्रणाली को लोकतान्त्रिक बना रहे हैं ऑनलाइन माध्यम : प्रो. संजय द्विवेदी

भोपाल, जेएनएन। ऑनलाइन शिक्षा ने शिक्षण की प्रक्रिया को और ज्यादा लोकतान्त्रिक बनाया है। अब छात्र परम्परागत शिक्षण की चुनौतियों का सामना किये बिना विभिन्न विषयों के विद्वानों से जुड़कर अपनी पसंद के विषय सीख सकते हैं। कई बार कक्षाओं में भी छात्रों को अपने सवाल पूछने का अवसर नहीं मिल पाता लेकिन इस माध्यम से आप अपनी जिज्ञासाओं का समाधान कर सकते हैं। भारत जैसे एक देश में जहाँ आवागमन सुलभ नहीं है, ऑनलाइन शिक्षा देश के हर कोने में पहुंची है। आज देश के सुदूर कोने में बैठा छात्र भी देश के प्रतिष्ठित विद्वानों से जुड़ सकता है, यह एक बड़ा अवसर है।

यह बात माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय द्विवेदी ने ‘ऑनलाइन मीडिया : शिक्षा की भूमिका और नई दिशा’ विषय पर कही। उन्होंने इस क्षेत्र में सरकार और मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की और इसे आने वाले समय की आवश्यकता बताया।

प्रो. द्विवेदी ने सरमन नगेले के साथ ऑनलाइन मीडिया के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि ऑनलाइन मीडिया शिक्षा पर सभी को विचार करना होगा। इस पर भी विचार करना होगा कि ऑनलाइन शिक्षा का मूल्यांकन कैसे और किस पद्धति से हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रिंट मीडिया के समक्ष कोरोना के संकट से कोई बड़ी चुनौती नहीं है।

सूचना की इस सदी में वरदान है ऑनलाइन माध्यम 

प्रो. द्विवेदी ने कहा कि 21वीं सदी सूचना की सदी है और जिस समाज के पास जितनी ज्यादा सूचनाएं होंगी वह उतना सशक्त और समृद्ध होगा। पहले जो सूचनाएं सिर्फ बड़े शहरों की लाइब्रेरी में मिल पाती थी, वे अब मोबाइल और इन्टरनेट के माध्यम से कहीं भी प्राप्त की जा सकती हैं। यह सशक्तिकरण का एक बहुत बड़ा माध्यम है जिसका इस्तेमाल हमें समझदारी से करना होगा।

उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय का उदहारण देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के छात्रों ने लॉकडाउन के दौरान इन्हीं माध्यमों का प्रयोग करके 250 से ज्यादा वीडियो बनाये। ऐसी स्थिति बनी की अलग-अलग शहरों में रह रहे छात्रों ने अपने स्थान की सूचनाएं और खबरें निरंतर एक-दूसरे के साथ साझा की। उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया का इस समय दायरा बड़ा है, इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं।

शिक्षकों के प्रशिक्षण की आवश्यकता 

फेसबुक लाइव के दौरान पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा के अनुरूप शिक्षक तैयार करने के लिए हमें ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करने की आवश्यकता है। टेक्नो फ्रेंडली शिक्षक इन माध्यमों का इस्तेमाल ज्यादा प्रभावी तरीके से कर पाएंगे। एक और प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि नए दौर के अनुसार पाठ्यक्रम को भी अपडेट करने की जरुरत है। आज का दौर मीडिया कन्वर्जेन्स का दौर है, ऐसे में हर छात्र को प्रिंट, वेब और इलेक्ट्रॉनिक सभी के जरूरतों के अनुसार खुद को तैयार करना चाहिए।

उन्होंने ऑनलाइन शिक्षा के लिए परीक्षा और मूल्यांकन सम्बन्धी चुनौतियों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन कक्षाएं ली, जिसके परिणाम सुखद रहे हैं। उन्होंने बताया कि दूरस्थ शिक्षण प्रणाली के साथ ऑनलाइन अध्ययन को जोड़ा जा सकता है। कोरोना काल ने ऑनलाइन शिक्षा के नए अवसर बनाये हैं।

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