2023 तक भारतीय रेलवे के नक्शे में आ जाएंगी उत्तर-पूर्वी राज्यों की छह राजधानियां

सीमावर्ती राज्यों तक रेल सेवा शुरू होगी तो वह रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगी। इससे चीन नेपाल तथा भूटान सीमा तक पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sat, 29 Aug 2020 06:35 PM (IST) Updated:Sat, 29 Aug 2020 06:35 PM (IST)
2023 तक भारतीय रेलवे के नक्शे में आ जाएंगी उत्तर-पूर्वी राज्यों की छह राजधानियां
2023 तक भारतीय रेलवे के नक्शे में आ जाएंगी उत्तर-पूर्वी राज्यों की छह राजधानियां

गुवाहाटी, आइएएनएस। रेलवे ने कहा है कि उत्तर-पूर्वी राज्यों की आठ में से छह राजधानियां 2023 तक भारतीय रेलवे के नक्शे पर आ जाएंगी।

2023 तक भारतीय रेलवे के नक्शे में आ जाएंगी उत्तर-पूर्वी राज्यों की छह राजधानियां

नार्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) असम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश की राजधानियों को पहले ही ट्रेन सेवा से जोड़ चुका है। अब मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड की राजधानी को भी रेलवे से जोड़ने के लिए ट्रैक बिछाया जा रहा है। इस काम को मार्च 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। उत्तर-पूर्व क्षेत्र में पहली ट्रेन 138 साल पहले पूर्वी असम के औद्योगिक शहर डिब्रूगढ़ से चली थी।

इंफाल, आइजोल, कोहिमा को जोड़ने के लिए नई रेल लाइनें बिछाई जा रहीं

एनएफआर के महाप्रबंधक संजीव रॉय ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत के तीन और बड़े शहरों इंफाल (मणिपुर), आइजोल (मिजोरम) और कोहिमा (नगालैंड) को जोड़ने के लिए नई रेल लाइनें बिछाई जा रही हैं। सिक्किम और मेघालय में भूमि और पर्यावरण संबंधी कुछ समस्याएं हैं, जिससे दो पहाड़ी राज्यों में रेलवे नेटवर्क के विस्तार में देरी हो रही है।

सीमावर्ती राज्यों तक रेल सेवा रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण, 

एनएफआर मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) सुभानन चंदा ने कहा कि जैसे ही सीमावर्ती राज्यों तक रेल सेवा शुरू होगी तो वह रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगी। इससे चीन, नेपाल तथा भूटान सीमा तक पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा। उन्होंने बताया कि अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए रेल सेवा का विस्तार किया जा रहा है।

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