मुंबई-दिल्‍ली के प्रदूषण हॉटस्‍पॉट के लिए लॉकडाउन बना संजीवनी, देश के अन्‍य शहरों में सुधरे हालात

दिल्ली और मुंबई में प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित 10 क्षेत्रों के लिये लॉकडाउन संजीवनी बनकर आया है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Sun, 26 Apr 2020 06:06 PM (IST) Updated:Sun, 26 Apr 2020 06:06 PM (IST)
मुंबई-दिल्‍ली के प्रदूषण हॉटस्‍पॉट के लिए लॉकडाउन बना संजीवनी, देश के अन्‍य शहरों में सुधरे हालात
मुंबई-दिल्‍ली के प्रदूषण हॉटस्‍पॉट के लिए लॉकडाउन बना संजीवनी, देश के अन्‍य शहरों में सुधरे हालात

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। प्रदूषण पिछले साल देश का सबसे बड़ा मुद्दा था। इस मुद्दे पर जमकर सियासत भी हुई। किसानों के पराली जलाने से लेकर दिवाली पर आतिशबाजी तक पर रोक लगाई गई, लेकिन दमघोंटू प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं पाया गया जा सका था। दिल्‍ली और मुंबई जैसे महानगरों की स्थिति काफी खराब थी। लेकिन दिल्ली और मुंबई में प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित 10 क्षेत्रों के लिये लॉकडाउन संजीवनी बनकर आया है। कोरोना वायरस के चलते देशभर के अधिकतर उद्योग बंद हैं, साथ ही वाहन भी सड़कों से नदारद हैं, ऐसे में दोनों शहरों के इन 10 इलाकों में या तो प्रदूषण बहुत कम हुआ है या फिर खत्म हो गया है।

मुंबई-दिल्‍ली के प्रदूषण हॉटस्‍पॉट अब हरित क्षेत्र

वायु गुणवत्ता मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (सफर) के निदेशक गुफरान बेग ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के हॉटस्पॉट (अत्यधिक प्रदूषण वाले क्षेत्र) अब हरित क्षेत्र बन गए हैं। उन्होंने लॉकडाउन से पहले और इसके दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता में आए बदलाव का मानचित्र दिखाते हुए कहा कि विनोबापुरी, आदर्श नगर, साहिबाबाद, आश्रम रोड, पंजाबी बाग, ओखला और बदरपुर को प्रदूषण का हॉटस्पॉट कहा जाता है। वहीं मुंबई के वर्ली और बोरीवली तथा भांडुप भी उन इलाकों में शुमार हैं, जहां मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र (एमएमआर) के अन्य क्षेत्रों की तुलना में हवा साफ हुई है। दिल्ली और मुंबई के इन इलाकों में मुख्य रूप से औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों की आवाजाही के चलते अत्यधिक प्रदूषण देखा जाता था।

ये है गुणवत्‍ता का पैमाना

वायु गुणवत्ता सूचकांक के 51 से 100 से बीच रहने को संतोषजनक माना जाता है। इसके बाद 101 से 200 को मध्यम, 201 से 300 को खराब, 301 से 400 को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है। सफर ने लॉकडाउन से पहले 1 मार्च से 25 मार्च तक दिल्ली, मुंबई, पुणे और अहमदाबाद में हवा में पाए गए खतरनाक वायु प्रदूषकों पीएम 2.5, पीएम10 और एनओ2 की तुलना लॉकडाउन के बाद 25 मार्च से 14 अप्रैल के दौरान हवा में मौजूद पीएम 2.5, पीएम10 और एनओ2 के स्तर से की। विश्लेषण में पाया गया कि लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर 36 प्रतिशत, पीएम10 का स्तर 43 प्रतिशत और एनओ2 का स्तर 52 प्रतिशत तक कम हो गया। वहीं मुंबई में इस अवधि के दौरान पीएम 2.5 का स्तर 39 फीसद, पीएम10 का 43 फीसद और एनओ2 का 63 फीसद तक कम हो गया है।

देश के इन शहरों में भी सुधरे हालात

आंकड़ों के अनुसार, पुणे में पीएम 2.5 के स्तर में 25 प्रतिशत, पीएम10 में 26 प्रतिशत और एनओ2 में 57 प्रतिशत तक कमी आई है। वहीं, अहमदबाद में पीएम2.5 का स्तर 39 प्रतिशत, पीएम10 का स्तर 32 प्रतिशत और एनओ2 का स्तर 27 प्रतिशत तक गिर गया है। लॉकडाउन के दौरान न केवल वायु गुणवत्ता, बल्कि नदियों की सेहत में भी जबरदस्त सुधार आया है। कोरोना वायरस के चलते भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। देश भर में 26 हजार 469 लोग कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें से 824 लोगों की मौत हो चुकी है।

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