पुलिस अधिकारी बोला- तुम सट्टेबाजी करो, मैं हूं ना; हर माह 10 हजार रुपये देते रहो

लोकायुक्त की टीम ने गुरुवार को योजनापूर्वक एसडीओपी को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 23 Jan 2020 10:00 PM (IST) Updated:Thu, 23 Jan 2020 11:10 PM (IST)
पुलिस अधिकारी बोला- तुम सट्टेबाजी करो, मैं हूं ना; हर माह 10 हजार रुपये देते रहो
पुलिस अधिकारी बोला- तुम सट्टेबाजी करो, मैं हूं ना; हर माह 10 हजार रुपये देते रहो

होशंगाबाद, जेएनएन। मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी का अनूठा मामला सामने आया है। राज्य के सिवनी मालवा के पुलिस अधिकारी (एसडीओपी) शंकरलाल सोनिया ने एक पूर्व सटोरिए को वरदहस्त देते हुए कहा, 'तुम सट्टेबाजी करो, मैं हूं ना। हर माह 10 हजार रुपये देना।' एसडीओपी द्वारा रिश्वत का दबाव बढ़ाने पर पूर्व सटोरिए ने मध्य प्रदेश लोकायुक्त पुलिस संगठन से शिकायत की। लोकायुक्त की टीम ने गुरुवार को योजनापूर्वक एसडीओपी को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

 

पुलिस कर रही है परेशान

लोकायुक्त टीम के अनुसार सिवनी मालवा के देवल मोहल्ला डागाजी मार्ग निवासी पूर्व सटोरिए दीपक धन्यासे (34) ने भोपाल कार्यालय में शिकायत की थी कि वह तीन माह पहले सट्टेबाजी बंद कर चुका है। इसके बाद भी एसडीओपी शंकरलाल सोनिया उसे सट्टेबाजी जारी रखने और हर माह 10 हजार रुपये रिश्वत देने का दबाव बना रहे हैं। तीन माह से उसने कोई राशि नहीं दी तो पुलिस बार-बार घर आकर परेशान कर रही है। 21 जनवरी को एसडीओपी ने 20 हजार रुपये की मांग की। इस पर दीपक ने लोकायुक्त में शिकायत कर दी। आरोपित एसडीओपी सोनिया स्वयं पूर्व में लोकायुक्त भोपाल कार्यालय में डीएसपी रह चुके हैं।

घर जाकर दी रकम

जांच में रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि होने पर लोकायुक्त की टीम ने कार्ययोजना बनाई। दीपक और एसडीओपी की चर्चा में तय हुआ कि गुरुवार सुबह एसडीओपी को घर जाकर रकम दी जाएगी। कार्रवाई की जिम्मेदारी भोपाल के बजाय सागर टीम को दी गई। सागर से लोकायुक्त डीएसपी राजेश खेड़े के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम सिवनी मालवा आई। सुबह करीब नौ बजे दीपक एसडीओपी सोनिया के घर पहुंचा और 20 हजार रुपये देकर टीम को इशारा कर दिया। टीम ने अंदर जाकर सोनिया को पकड़ लिया।

केस दर्ज होते ही बिगड़ी तबीयत

सोनिया पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया। इसी दौरान एसडीओपी सोनिया की तबीयत बिगड़ गई। तत्काल सिविल अस्पताल ले जाया गया। वहां बीएमओ डॉ. कांति बाथम ने जांच की। उन्होंने बताया कि एसडीओपी की बायपास सर्जरी हो चुकी है। बीपी और शुगर की समस्या है। जांच कराने के बाद एसडीओपी को जमानत देते हुए घर भेज दिया गया।

फरियादी पर अभी कोई केस नहीं

सिवनी मालवा थाने के प्रभारी एसएल ठाकुर ने बताया कि फरियादी दीपक धन्यासे पर वर्तमान में सट्टेबाजी का कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। उस पर पूर्व से कोई प्रकरण दर्ज हो तो उसकी जानकारी नहीं है।

आइजी बोले, एसडीओपी का कृत्य दुर्भाग्यपूर्ण

होशंगाबाद के आइजी आशुतोष राय ने इस मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पुलिस का काम अपराधों पर अंकु श लगाना है, लेकि न एसडीओपी सोनिया ने जो कृत्य कि या है वह काफी खेदजनक है। लोकायुक्त से मामले की विस्तृत जानकारी मांगी है। एसडीओपी सोनिया राजपत्रित अधिकारी हैं। उनके विरुद्ध पुलिस मुख्यालय स्तर से कार्रवाई की जाएगी।

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