नरेंद्र मोदी की इजरायल यात्रा पर सभी की नजर

पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ ऐतिहासिक कूटनीतिक पहल करने के बाद अब सभी की नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निकट भविष्य में होने वाली इजरायल यात्रा पर है। माना जा रहा है कि मोदी की यात्रा के दौरान अहम रक्षा सहयोग को लेकर ऐतिहासिक करार हो सकता है।

By Atul GuptaEdited By: Publish:Tue, 29 Dec 2015 09:59 AM (IST) Updated:Tue, 29 Dec 2015 10:51 AM (IST)
नरेंद्र मोदी की इजरायल यात्रा पर सभी की नजर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ ऐतिहासिक कूटनीतिक पहल करने के बाद अब सभी की नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निकट भविष्य में होने वाली इजरायल यात्रा पर है। वैसे तो अभी इस यात्रा की तारीख निश्चित नहीं हुई है, लेकिन विदेश मंत्रालय इसकी तैयारियों में जुटा है।

इस क्रम में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अगले महीने इजरायल जा रही हैं। बतौर विदेश मंत्री अपनी पहली इजरायल यात्रा के दौरान स्वराज दोनों देशों के बीच होने वाले समझौतों की समीक्षा करेंगी। माना जाता है कि मोदी की यात्रा के दौरान अहम रक्षा सहयोग को लेकर ऐतिहासिक करार हो सकता है। मोदी की इजरायल यात्रा को लेकर काफी समय से कयास लगाये जा रहे हैं। पहले मोदी के वर्ष 2015 के अंत तक वहां जाने को लेकर चर्चा हुई थी। लेकिन कुछ कारणों से यह संभव नहीं हो पाया।

1अक्टूबर 2015 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इजरायल की यात्रा की थी। इस बीच मोदी और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू के बीच केमिस्ट्री भी काफी अच्छी हो गई है। सितंबर 2015 में संयुक्त राष्ट्र की बैठक के बाद इन दोनों के बीच हाल ही में पेरिस पर्यावरण सम्मेलन में भी मुलाकात हुई थी। दोनों ने एक दूसरे को फिर से अपने-अपने देश की यात्रा करने के लिए बुलाया है। लेकिन इस बात की प्रबल संभावना है कि मोदी ही पहले इजरायल जाएंगे।

उधर इजरायल ने हाल के वर्षो में पश्चिमी देशों के बजाय पूर्व के बड़े देश मसलन चीन और भारत के साथ अपने रिश्तों पर ध्यान देना शुरू किया है। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्ते बने हुए दो दशक से ज्यादा होने के बावजूद अभी तक किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इजरायल की यात्रा नहीं की है।

इसी तरह से इजरायल भारत को हथियारों का निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है। फिर भी किसी भारतीय रक्षा मंत्री ने वहां का दौरा नहीं किया है। सूत्रों के मुताबिक अगले वर्ष यह परंपरा निश्चित तौर पर टूटेगी।

दरअसल दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को और प्रगाढ़ करने को लेकर बातचीत चल रही है। मोदी सरकार जिस आक्रामक तरीके से रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा दे रही है, इजरायल उसमें शामिल होने की इच्छा जता चुका है।

बहरहाल भारत की नजर इजरायल के सुरक्षा उपकरणों पर है। इसमें ड्रोन तकनीक के अलावा जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल तकनीक में भारत की खासी रुचि है। दोनों देश कृषि क्षेत्र में मौजूदा संबंधों को और आगे ले जाने को लेकर भी बातचीत कर रहे हैं। मोदी की यात्रा के दौरान रक्षा और कृषि पर अहम समझौते होंगे।

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