#WorldTBDay: PM मोदी ने ट्वीट कर कहा- 2025 तक मिलेगा टीबी से छूटकारा

टीबी डे के मौके पर प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा की 2030 के वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले (2025) केंद्र सरकार और राज्य सरकारें इसे देश से जड़ से उखाड़ फेकने के लिए कड़ी मेहनत।

By Atyagi.jimmcEdited By: Publish:Sun, 24 Mar 2019 10:50 AM (IST) Updated:Sun, 24 Mar 2019 11:19 AM (IST)
#WorldTBDay: PM मोदी ने ट्वीट कर कहा- 2025 तक मिलेगा टीबी से छूटकारा
#WorldTBDay: PM मोदी ने ट्वीट कर कहा- 2025 तक मिलेगा टीबी से छूटकारा

नई दिल्ली, जागरण। वर्ल्ड टीबी डे के मौके पर प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा की 2030 के वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले (2025) केंद्र सरकार और राज्य सरकारें इसे देश से पूरी तरह खत्म करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे है। उन्होंने आगे लिखा की केंद्र के प्रयास जैसे कि टीबी मुक्त भारत अभियान और आयुष्मान भारत स्वास्थ्य मानकों में सुधार कर रहे हैं और टीबी रोगियों को भी सहायता मुहैया करवा रही हैं। 

Government of India and various State Governments are working hard to make India TB-free by 2025, 5 years before the global target of 2030.

Centre’s efforts such as TB Free India campaign and Ayushman Bharat are improving health standards and providing assistance to TB patients.

— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) March 24, 2019

क्य़ा है टीबी 
टीबी यानी ट्यूबरकुलासिस को कई नामों से जाना जाता है जैसे इस क्षय रोग, तपेदिक, राजयक्ष्मा, दण्डाणु इत्यादि नामों से भी जाना जाता है। टीबी एक संक्रामक बीमारी है और इससे ग्रसित व्यक्ति में शारीरिक कमजोरी आ जाती है और इसके साथ ही उसे कई गंभीर बीमारियां होने का भी खतरा रहता है। टीबी सिर्फ फेफड़ों का ही रोग नहीं है, बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों को भी यह प्रभावित करता है। 

बता दें कि टीबी लाइलाज नहीं है। थोड़ी सी सजगता बरतें और समय पर इलाज कराएं तो इस बीमारी को मात दी सकती है। डॉक्टरों की मानें तो इलाज के दौरान आराम महसूस करने पर बीच में दवा छोड़ना सबसे बड़ी लापरवाही साबित होगी। टीबी के मरीज यदि छह महीने तक दवा लेकर कोर्स पूरा कर लें तो टीबी पूरी तरह ठीक हो सकती है।

बड़ा खतराः भारत में बढ़ रहे टीबी के मरीज
साल 2017 में अक्टूबर में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक भारत उन 7 देशों की लिस्ट में शामिल था जहां टीबी के सबसे ज्यादा मरीज है। डब्ल्यूएचओ की वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2017 के अनुसार भारत, इंडोनेशिया, चीन, फिलीपींस, पाकिस्तान , नाजीरिया और साउथ अफ्रीका में इससे गंभीर रूप से प्रभावित है।

दुनिया में टीबी के मरीजों की संख्या का 64 प्रतिशत सिर्फ इन्हीं सात देशों में है, जिनमें भारत सबसे ऊपर है। वही दूसरी तरफ एचआईवी ग्रसित मरीजों में टीबी से होने वाली मौतों में कमी आई है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा एचआईवी एड्स के लिए रखे गए एक कार्यक्रम के दौरान कहा गया कि 20 से अधिक देशों में इस आंकड़े में इजाफा हुआ है जबकि भारत में 84 प्रतिक्षत की कमी आई है। 

WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर  एचआईवी के साथ-साथ टीबी से ग्रसित लोगों की मौतों में 2010 के बाद 42 प्रतिक्षत की कमी आई है। 2017 में से संख्या 520,000 से घटकर 300,000 हो गई।  

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