PM मोदी ने मन की बात में किया था जिस क्रेकर का जिक्र उसकी बहादुरी के सभी हैं कायल

छत्तीगसढ़ के नक्सल मोर्चे पर तैनात स्निफर डॉग क्रैकर ने आइईडी ब्लास्ट में खुद शहीद होकर जवानों की जान बचाई थी।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Mon, 31 Aug 2020 11:40 AM (IST) Updated:Mon, 31 Aug 2020 11:40 AM (IST)
PM मोदी ने मन की बात में किया था जिस क्रेकर का जिक्र उसकी बहादुरी के सभी हैं कायल
PM मोदी ने मन की बात में किया था जिस क्रेकर का जिक्र उसकी बहादुरी के सभी हैं कायल

रायपुर, जेएएनएन। छत्तीगसढ़ के नक्सल मोर्चे पर तैनात स्निफर डॉग क्रैकर ने आइईडी ब्लास्ट में खुद शहीद होकर जवानों की जान बचाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में कै्रकर का उल्लेख करते हुए उसके साहस को सलाम किया। सीआरपीएफ 170वीं बटालियन के कमांडेंट वीजे सुंदरम ने बताया कि क्रैकर सूंघने में माहिर था। वह गहराई में छिपे आइईडी की भी पहचान कर लेता था। बीजापुर के चिन्नाकोडेपल में सात अप्रैल 2017 को सीआरपीएफ के जवान सड़क सुरक्षा अभियान में जुटे हुए थे। राष्ट्रीय राजमार्ग 63 के किनारे चिन्नाकोडेपल से मोदकपाल की तरफ सड़क के नीचे नक्सलियों ने बारुदी सुरंग बिछाई रखी। माओवादियों के इस नापाक इरादे को क्रैकर ने भांप लिया और जवानों को अलर्ट किया।

क्रैकर के साहस का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आइईडी का पता लगाने के बाद उसने जवानों को न सिर्फ आगे जाने से रोका, बल्कि खुद वहां पहुंचा और पैर से आइईडी की जगह की जानकारी भी दी। जिस समय क्रैकर अपने पैर से बारुदी सुरंग की जानकारी दे रहा था, उस समय प्रेशर मैकेनिज्म से लगा आइईडी ब्लास्ट हो गया। इसमें क्रैकर मौके पर ही शहीद हो गया। साथ ही सहायक अविनाश वाईएस घायल हो गए। क्रैकर को बीजापुर के पशु चिकित्सालय लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। डीआइजी बीजापुर की मौजूदगी में क्रैकर को गार्ड ऑफ आनर के साथ अंतिम विदाई दी गई थी।

बस्तर क्षेत्र में बारूदी सुरंगे जगह- जगह मौजूद हैं। यहां नक्सली सुरक्षा बलों से सीधे मुकाबला नहीं कर सकते, इसलिए क्षद्म युद्धा का सहारा लेकर प्रेशर बम के जरिए उन्हें निशाना बनाते हैं। नक्सिलयों द्वारा कई जगहों पर लगाए गए बम वर्षों से उसी हालत में मौजूद हैं और प्रेशर पड़ने पर कभी भी इनमें विष्फोट हो जाता है। यह बम आम तौर पर जंगलों के बीच पगडंडी और कच्ची सड़कों पर लगाए जाते हैं, जो सुरक्षा बलों का सर्चिंग रूट होता है। इसी तरह के एक आईईडी को डिफ्यूज करते वक्त कुछ वर्ष पूर्व बम निरोधक दस्ते के प्रमुख सदस्य की भी मौत हो गई थी।

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