चुनावी मौसम में परेशान पेट्रोल पंप मालिक

चुनाव आयोग के निर्देश पर कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए हो रही पुलिसिया जाच से व्यापारियों के अलावा सबसे ज्यादा परेशान पेट्रोल पंप के मालिक हैं, क्योंकि उन्हें रोजाना पेट्रोल बिक्री का पाच से दस लाख रुपया लेकर बैंक जाना पड़ता है और पुलिसिया जाच के चक्कर में फंस कर घटों परेशान होना पड़ता है।

By Edited By: Publish:Wed, 11 Jan 2012 03:19 PM (IST) Updated:Wed, 11 Jan 2012 03:45 PM (IST)
चुनावी मौसम में परेशान पेट्रोल पंप मालिक

कानपुर। चुनाव आयोग के निर्देश पर कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए हो रही पुलिसियां जांच से व्यापारियों के अलावा सबसे ज्यादा परेशान पेट्रोल पंप के मालिक हैं, क्योंकि उन्हें रोजाना पेट्रोल बिक्री का पांच से दस लाख रुपया लेकर बैंक जाना पड़ता है और पुलिसियां जांच के चक्कर में फंस कर घंटों परेशान होना पड़ता है।

पुलिस की इस जांच से रोजाना अपने चार-पांच घंटे बरबाद कर रहे है। पेट्रोल पंप मालिकों ने धमकी दी है कि अगर उन्हें जांच के नाम पर इस तरह रोज परेशान किया गया तो शहर में वह पेट्रोल डीजल की आपूर्ति नही कर पाएंगे जिसका सीधा असर जनता पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब वह पेट्रोल कंपनियों को पैसा ही नहीं भेज पाएंगे तो पेट्रोल कंपनियां उन्हें पेट्रोल डीजल की आपूर्ति कैसे करेंगी। उधर दूसरी ओर पुलिसयां जांच से परेशान व्यापारियों का एक प्रतिनिधि मंडल लखनऊ में चुनाव आयोग के आला अधिकारियों से मिलने गया है ताकि काले धन की जांच के नाम पर व्यापारियों का पुलिसियां उत्पीड़न बंद किया जाए और कोई बीच का रास्ता निकाला जाए।

कानपुर पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ओम शंकर मिश्रा ने बुधवार को बताया कि चुनाव आयोग के आदेश पर कालेधन पर रोक के लिए की जा रही पुलिसियां जांच से व्यापारी तो परेशान हैं ही। सबसे ज्यादा परेशान पेट्रोल पंप के मालिक हैं, क्योंकि एक पेट्रोल पंप मालिक प्रति दिन पांच से दस लाख रुपये की बिक्री करता है। वह शाम को पेट्रोल पंप की आमदनी का पैसा घर ले जाता है और सुबह घर से पैसा लेकर बैंक जाता है जहां से उसका ड्राफ्ट बनवा कर पेट्रोल कंपनियों को भेजता है। पेट्रोल और डीजल डीलर्स एसोसिएशन के मिश्रा कहते है कि कानपुर शहर में करीब 150 पेट्रोल और डीजल पंप हैं और प्रत्येक पेट्रोल पंप की बिक्री प्रति दिन करीब पांच से दस लाख रुपये के बीच की है। इधर पिछले तीन से चार दिन से जब से पुलिस की यह जांच शुरू हुई है तब बैंक जा रहे कम से कम पांच पेट्रोल पंप मालिकों को पुलिस नकदी के साथ पकड़ चुकी है और पुलिस और आयकर विभाग ने उन्हें चार से पांच घंटे तक थाने में बैठाकर उनसे पूछताछ की और सारे कागजों की जांच की। कागज सही पाए जाने के बाद मुस्कुरा कर खेद प्रकट कर जाने दिया जाता है। वह कहते हैं कि पुलिस और आयकर विभाग द्वारा सारी कह कर तो छोड़ दिया गया, लेकिन जिस पेट्रोल पंप मालिक को पकड़ा गया उसके तो चार से पांच घंटे बरबाद गए और साथ ही उस दिन का कारोबार भी चौपट हो गया।

इस मुद्दे पर डीआईजी राजेश राय ने कहा था कि जो भी पेट्रोल पंप मालिक अपने आई डी प्रूफ के साथ पिछले एक माह के बैंक स्टेटमेंट रखेगा उसे परेशान नहीं किया जाएगा। लेकिन इसके बावजूद मंगलवार को ट्रांसपोर्टनगर के एक पेट्रोल पंप के मालिक बैंक से दो लाख 62 हजार रुपये लेकर पेट्रोल पंप जा रहे थे रास्ते में पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और जांच के नाम पर उन्हें पांच घंटे तक जूही पुलिस स्टेशन में बैठाए रखा हालांकि उनके पास सारे आवश्यक कागजात थे। बाद में पुलिस और आयकर विभाग के अधिकारियों ने उन्हें छोड़ दिया। मिश्रा कहते है कि अगर इस तरह रोजाना पुलिस जांच के नाम पर पेट्रोल पंप मालिक रोके जाएंगे तो फिर शहर में पेट्रोल की आपूर्ति बाधित हो सकती है, क्योंकि जब टाइम पर हम पैसा पेट्रोल कंपनियों को नही भेजेंगे तो फिर शहर में पेट्रोल कैसे आएगा। मिश्रा ने कहा कि वह इस मसले पर पुलिस के आला अधिकारियों से भी मिले थे तो उन्होंने भी कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया। उधर कानपुर पुलिस के डीआईजी राजेश राय का कहना है कि व्यापारियों के उनसे मिलने आए प्रतिनिधि मंडल को उन्होंने आश्वासन दिया है कि ढ़ाई लाख रुपये तक की रकम रखने वाले को नहीं रोका जाएगा। इसके लिए जरूरी है कि व्यापारी अपने साथ पहचान पत्र, पैन कार्ड, पते का प्रमाण पत्र और पैसा कहां से ला रहा है और कहां ले जा रहा इससे संबंधित दस्तावेज पेश कर दें तो उसे परेशान नही किया जाएगा। जहां तक पेट्रोल पंप मालिकाें का सवाल है वह अपने साथ अपना आई डी कार्ड और पिछले एक माह के बैंक स्टेटमेंट के साथ जिस बैंक में रकम जमा करने जा रहे हैं उसके वाउचर अपने साथ रखें और मांगने पर पुलिस को दिखा दें तो उन्हें नहीं रोका जाएगा और अगर पैसा पकड़ा भी जाता है तो उसे जांच के बाद छोड़ दिया जाएगा।

उधर व्यापारियों के साथ हो रही पुलिसियां जांच और उत्पीड़न के बारे में कोई बीच का रास्ता निकालने के लिए उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष और पूर्व सांसद श्याम बिहारी के नेतृत्व में व्यापारियों का एक प्रतिनिधि मंडल लखनऊ में चुनाव आयोग के आला अधिकारियों से मिलने गया है।

कानपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रमोद जायसवाल के मुताबिक जब से यह पुलिसियां जांच का काम शुरू हुआ है तब से थोक व्यापारियों का व्यवसाय आधा हो गया है क्योंकि दूसरे शहर के व्यापारियों ने शहर आना ही बंद कर दिया है जबकि औद्योगिक शहर कानपुर आस पास के जिलों का सबसे बड़ा थोक बाजार है।

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