मानसून में देरी ने बढ़ाई लोगों की परेशानी

चिलचिलाती धूप और उमस ने इस साल जून में मानसून की तेज बारिश के सारे अनुमानों को झुठला दिया है। जबकि मानसून लेट होने के मामले में पिछले कई सालों का रिकार्ड भी टूट गया। राजधानी में अब तक सबसे लेट मानसून सन 2009 में आया था।

By Edited By: Publish:Tue, 01 Jul 2014 11:17 AM (IST) Updated:Tue, 01 Jul 2014 11:17 AM (IST)
मानसून में देरी ने बढ़ाई लोगों की परेशानी

नई दिल्ली। चिलचिलाती धूप और उमस ने इस साल जून में मानसून की तेज बारिश के सारे अनुमानों को झुठला दिया है। जबकि मानसून लेट होने के मामले में पिछले कई सालों का रिकार्ड भी टूट गया। राजधानी में अब तक सबसे लेट मानसून सन 2009 में आया था।

वहीं इस साल वर्ष 2009 के बाद जून में सबसे कम बारिश हुई है। जून, 2009 में 85.7 मिमी बारिश हुई थी और उस साल भयंकर सूखा पड़ा। इससे पहले 1905 में भी 88.7 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। इन दो मौकों के अलावा भी जून में इतनी कम बारिश नहीं हुई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, देश के 36 भौगोलिक इलाकों में 34 इलाके बारिश की किल्लत से जूझ रहे हैं। देश का अनाज भंडार भरने वाले उत्तर-पश्चिमी भारत में सामान्य से 55 फीसदी और मध्य भारत में सामान्य से 61 फीसदी कम बारिश हुई है।

एक दो-दिनों में हो सकती है बारिश

दिल्ली में अगले एक-दो दिनों के भीतर मानसून दस्तक दे सकता है। मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण पश्चिमी मानसूनी हवाएं दिल्ली की ओर बढ़ रही हैं। मौसम विभाग की मानें तो हरियाणा और उत्तर प्रदेश के ऊपर बने ऊपरी दबाव क्षेत्र के चलते उत्तरी राज्यों में बारिश की संभावना बढ़ गई है। इस बारिश से निष्क्रिय पड़ा मानसून फिर से सक्रिय हो जाएगा।

मानसूनी हवाएं पहाड़ों से टकराकर वापस मैदानी क्षेत्रों में बारिश करती हैं। विभाग का कहना है कि 2 या 3 जुलाई को उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में मानसून छा जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को दिल्ली, एनसीआर समेत उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में कई स्थानों पर प्री-मानसून बारिश हो सकती है।

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