गलती से सीमा पार कर भारत अा गया था पाकिस्‍तानी, कहा- भारत बहुत अच्छा है, मुझे यहीं रहने दो

पाकिस्‍तानी कैदी 16 वर्षीय आसिफ अली का कहना है कि मैं गलती से बॉर्डर पार कर भारत आ गया था। मैं यहां 14 महीने रहा। मैं वापस नहीं जाना चाहता।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 23 Jul 2018 08:57 PM (IST) Updated:Tue, 24 Jul 2018 07:45 AM (IST)
गलती से सीमा पार कर भारत अा गया था पाकिस्‍तानी, कहा- भारत बहुत अच्छा है, मुझे यहीं रहने दो
गलती से सीमा पार कर भारत अा गया था पाकिस्‍तानी, कहा- भारत बहुत अच्छा है, मुझे यहीं रहने दो

अटारी बार्डर, एएनआइ। पाकिस्‍तानी कैदी 16 वर्षीय आसिफ अली, जिसे अटार बाघा बॉर्डर पर सोमवार को रिहा कर दिया गया। उसका कहना है कि मैं गलती से बॉर्डर पार कर भारत आ गया था। मैं यहां 14 महीने रहा। मैं वापस नहीं जाना चाहता। भारत बहुत अच्‍छा है। मुझे यहां नौकरी मिल गई थी। मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह मुझे यहीं रहने दे।

जाली भारतीय करेंसी के साथ पा‍क नागरिक गिरफ्तार

इससे पहले फरवरी महीने में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के सहायक कमांडेंट निर्मल जीत सिंह ने पाकिस्तानी नागरिक कैलाश राजधन को डिप्टी सुपरिंटेंडेंट रेंजर्स फैजल के हवाले किया था। राजधन को घरिंडा थाना पुलिस ने अप्रैल 2014 में जाली भारतीय करेंसी के साथ अटारी बॉडर से गिरफ्तार किया था।

राजधन केंद्रीय जेल में इंटर्नी के तौर पर था। पाक के सिंध प्रांत के गोथकी का कैलाश राजधन अप्रैल 2014 में परिवार के साथ वीजा पर भारत आया था। अटारी सीमा पर प्रवेश करने पर जब उसके सामानों की जांच की गई तो कस्टम अधिकारियों को भारतीय जाली करंसी मिली थी। इस पर कैलाश को घरिंडा थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया।

 12 साल बाद तीन महिलाओं को किया गया रिहा

अमृतसर जेल में बंद पाकिस्तानी नागरिक फातिमा, उसकी बहन मुमताज और 10 साल की बेटी हिना की जिंदगी में 2 नवंबर, 2017 का दिन जन्नत जैसा है। 12 साल के बाद उन्हें वतन और परिवार नसीब होने जा रहा है। मासूम हिना के लिए वतन पहुंचना एक सपने जैसा था। आज सुबह तीनों वतन के लिए रवाना हो गए। वतन वापसी से पूर्व फातिमा ने कहा, 'पीएम मोदी के विशेष प्रयासों से यह सब संभव हुआ। मैं भारत को सलाम करती हूं।' उक्त तीनों को वतन पहुंचाने के लिए अमृतसर की वकील नवजोत कौर चब्बा ने अहम भूमिका निभाई है।वकील नवजोत कौर चब्बा ने बताया कि दस साल सजा, चार लाख रुपये आर्थिक दंड का भुगतान करने के बावजूद इनकी रिहाई नहीं हो पा रही थी।

 10 पाक कैदियों को किया गया रिहा 

25 जून, 2017 को भारत सरकार की तरफ से देश की विभिन्न जेलों में बंद 10 पाक कैदियों को रिहा किए जाने के बाद मंगलवार को बीएसएफ अधिकारियों ने अटारी सीमा रास्ते इन्हें पाक रेंजर्स को सौप दिया। एक महिला कैदी के साथ 5 साल की बच्ची को भी बीएसएफ के अधिकारियों ने उसकी मां के साथ पाकिस्तान भेज दिया। रिहा किए गए कैदियों में 4 मछुआरे, जबकि एक महिला समेत पाकिस्तान के छह सिविलियन नागरिक शामिल थे। हालांकि, बच्ची का नाम कैदियों में शामिल नहीं था तो इसके चलते बार्डर पर तकनीकी अड़चनें कुछ समय के लिए पैदा हो गई। बाद में अधिकारियों ने इस 5 साल की बच्ची को भी महिला कैदी के साथ उसके वतन भेज दिया।

 पंजाब जेल में बंद 16 नागरिकों को पाकिस्‍तान ने लेने से किया इन्‍कार

अमृतसर सेंट्रल जेल में 16 पाकिस्तानी कैदी बंद हैं, लेकिन पाकिस्तान इनको अपना नागरिक मानने से ही इन्कार कर रहा है। यह जानकारी पिछले साल केंद्र सरकार ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट को दी। केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि जेल में 38 विदेशी कैदी बंद थे, जिनमें से 16 को वापस उनके देश भेजा जा चुका है और दो कैदियों की मौत हो चुकी है। बाकि बचे 20 कैदियों में से 16 कैदी पाकिस्तान, दो बांग्लादेश और एक-एक कैदी नेपाल और म्यांमार के हैं।

 पाक जेल में भारतीय कैदी की रोजाना हो रही पिटाई

वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान की जेल में एक भारतीय कैदी की लगातार हो रही पिटाई को लेकर सरकार अपने दूतावास के जरिए उस शख्स तक अपनी पहुंच चाहती है। इस्लामाबाद की एक एजेंसी की खबर मुताबिक, पिछले दो महीने के अंदर पेशावर सेंट्रल जेल में हामिद नेहाल अंसारी नाम के इस शख्स के ऊपर दो बार कातिलाना हमले हो चुके हैं।  

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