घुसपैठ कराने की ताक में है पाकिस्तान, गुलाम कश्मीर में आतंकियों से भरे पड़े हैं लांचिंग पैड

बीते तीन दशकों से पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकी हिंसा व छद्म युद्ध के साथ ही आज भी गुलाम कश्मीर में सभी आतंकी कैंप और लांचिंग पैड जिहादियों से भरे पड़े हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 08:22 PM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 08:26 PM (IST)
घुसपैठ कराने की ताक में है पाकिस्तान, गुलाम कश्मीर में आतंकियों से भरे पड़े हैं लांचिंग पैड
घुसपैठ कराने की ताक में है पाकिस्तान, गुलाम कश्मीर में आतंकियों से भरे पड़े हैं लांचिंग पैड

श्रीनगर, एजेंसी। सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लो ने कहा कि गुलाम कश्मीर में आतंकियों के लांचिंग पैड पूरी तरह सक्रिय और जिहादी आतंकियों से भरे पड़े हैं। पाकिस्तानी सेना अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) और नियंत्रण रेखा (LoC) पर बार-बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराने की साजिश रच रही है, लेकिन भारतीय सेना हर बार उसके नापाक मंसूबों को नाकाम कर रही है।

एक एजेंसी से बातचीत में लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लो ने कहा कि आप पूरा यकीन रखें, पाकिस्तान अब घाटी में आतंकियों को धकेलने और शांति भंग करने में कामयाब नहीं होगा। सेना ने पुलिस, सीआरपीएफ व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर कानून व्यवस्था और शांति बहाली की प्रक्रिया को मजबूत बनाया है।

जिहादियों से भरे पड़े हैं लांचिंग पैड

हमने कश्मीर के हालात को बेहतर बनाने के लिए सभी संबंधित पक्षों, स्थानीय सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों व अन्य कई लोगों के साथ मिलकर प्रयास किए हैं। कोर कमांडर ने जम्मू-कश्मीर में बीते तीन दशकों से पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकी हिंसा व छद्म युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि आज भी गुलाम कश्मीर में सभी आतंकी कैंप और लांचिंग पैड जिहादियों से भरे पड़े हैं।

पुलवामा के बाद पाक को बहुत कुछ समझ आ चुका

पुलवामा हमले से लगभग एक सप्ताह पहले चिनार कोर की कमान संभालने वाले ढिल्लो ने कहा कि 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद आतंकियों और पाकिस्तान को बहुत कुछ समझ आ गया है। पुलवामा हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हुए थे। इस हमले के बाद सेना ने न सिर्फ घाटी के भीतरी इलाकों में अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर आतंकियों पर तीव्र प्रहार शुरू किया।

सेना ने आम लोगों के जान-माल व सम्मान को प्राथमिकता दी

लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लो ने कहा कि सेना की मुख्य जिम्मेदारी आतंकियों को एलओसी और घाटी के भीतरी इलाकों से दूर रखना है। एलओसी पर लगातार चौकसी, मजबूत घुसपैठ रोधी तंत्र, पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब और घाटी के भीतरी इलाकों में अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर प्रभावी आतंकरोधी अभियानों के चलते ही स्थिति में सुधार हुआ है। हमने आम लोगों के जान माल व सम्मान को प्राथमिकता देते हुए आतंकरोधी अभियान चलाने की रणनीति अपनाई है। इससे आम लोग इन अभियानों की सफलता में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने यह भी कि हमें गिनती से कोई फर्क नहीं पड़ता। हम आतंकवाद के समूल नाश में जुटे हैं।

ढिल्लो की जगह लेंगे बीएस राजू

सेना की 15वीं कोर को चिनार कोर भी कहा जाता है। पिछले वर्ष फरवरी में चिनार कोर की कमान संभालने वाले लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लो अगले चंद दिनों में दिल्ली स्थित सैन्य मुख्यालय में सैन्य सचिव के तौर पर अपनी नयी जिम्मेदारी संभालने वाले हैं। वहीं, ढिल्लो की जगह बीएस राजू एक मार्च को चिनार कोर कमांडर के रूप में काम संभालेंगे।

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