Stay Home Stay Empowered: जानें, 'वन मिनट सिटी’ प्रोजेक्ट क्या है, इससे बदल सकती है दुनिया के शहरों की तस्वीर

इस प्रोजेक्ट में स्थानीय निवासियों को शामिल किया जाएगा और उन्हें उनकी गली के ले-आउट का को-आर्किटेक्ट भी बनाया जाएगा। उनसे पूछा जाएगा कि गली कैसी बनाई जाए। वे पीछे की गली के कितने हिस्से को पार्किंग स्पेस की तरह इस्तेमाल करना चाहेंगे या दूसरी कोई सार्वजनिक जगह प्रयोग चाहेंगे।

By Vineet SharanEdited By: Publish:Thu, 11 Feb 2021 08:40 AM (IST) Updated:Thu, 11 Feb 2021 11:54 AM (IST)
Stay Home Stay Empowered: जानें, 'वन मिनट सिटी’ प्रोजेक्ट क्या है, इससे बदल सकती है दुनिया के शहरों की तस्वीर
बाकी देश 15 मिनट मॉडल पर काम कर रहे हैं, जिसमें नेबरहुड लेवल पर अर्बन प्लानिंग की जा रही है।

नई दिल्ली, जेएनएन। स्वीडन अपने शहरों को बेहतर बनाने के लिए एक नई योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत पार्किंग स्पेस को भी बेहतर बनाया जाएगा, जिससे यहां का शहरी जीवन और शानदार बनेगा। इस प्रायोगिक प्रोजेक्ट को ‘वन मिनट सिटी’ का नाम दिया गया है। इस योजना के तहत स्वीडन की हर गली को री-डिजाइन किया जाएगा। इसके तहत पैदल चलने वालों और साइकिल चलाने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना में बिना कार के शहर की कल्पना की गई है।

यूं हो रहा है काम

स्वीडन के शहर गोथेनबर्ग में एक सॉसेज शॉप के सामने कुछ दिनों पहले एक पार्किंग स्पेस था। अब वहां एक बेंच, एक पिकनिक टेबल, साइकिल और स्कूटर के रैक बनाए गए हैं। यहां लोग आसानी से बातें कर सकते हैं, खा सकते हैं और मनोरंजन कर सकते हैं।

स्थानीय निवासी बने आर्किटेक्ट

इस प्रोजेक्ट में स्थानीय निवासियों को शामिल किया जाएगा और उन्हें उनकी गली के ले-आउट का को-आर्किटेक्ट भी बनाया जाएगा। उनसे पूछा जाएगा कि गली कैसी बनाई जाए। इसके लिए वर्कशॉप होंगे और सलाह ली जाएगी कि वे पीछे की गली के कितने हिस्से को पार्किंग स्पेस की तरह इस्तेमाल करना चाहेंगे या दूसरी कोई सार्वजनिक जगह प्रयोग चाहेंगे। स्टॉकहोम के चार शहरों में यह प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है और जल्द ही तीन और शहर इसमें शामिल हो जाएंगे। योजना है कि 2030 तक स्वीडन की हर गली का माहौल सेहतमंद, टिकाऊ और जीवंत बनाया जा सके।

बाकी दुनिया से आगे

दुनिया के बाकी देश अभी 15 मिनट मॉडल पर काम कर रहे हैं, जिसके तहत नेबरहुड लेवल पर अर्बन प्लानिंग की जा रही है। खासकर कोरोना के बाद पेरिस के मेयर एने हिडालगो ने पेरिस की राजधानी को इस मॉडल पर विकसित करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इस ब्लूप्रिंट को अपनाया जा चुका है। इसका मकसद लोगों के घर से 15 मिनट की दूरी (पैदल या साइकिल से चलकर) पर ही हर सुविधा मुहैया कराई जाएगी, ताकि ग्रीन हाउस एमिशन को कम किया जा सके और वैश्विक शहरों के जीवन स्तर को बेहतर बनाया जा सके। लेकिन स्वीडन ने इसमें हाइपर लोकल ट्विस्ट ला दिया है। वह हर गली को री-डिजाइन करेगा।

इस योजना पर स्वीडन की राष्ट्रीय इनोवेशन संस्थान विनोवा और डिजाइन थिंक टैंक आर्कडेक काम कर रहे हैं। विनोवा स्ट्रैटजी डिजाइन के निदेशक डैन हिल ने इस प्रोजेक्ट को वन मिनट सिटी का नाम दिया है। यह लोकल प्लानिंग का सबसे छोटा मॉडल है। पेरिस 15 मिनट के रेडियस में योजना बना रहा है, बार्सिलोना 9 ब्लॉक के साथ सुपर ब्लॉक बना रहा है, वहीं स्वीडन योजना को गली के स्तर तक लाया है।

आईआईटी बीएचयू के एसोसिएट प्रोफेसर और यातायात विशेषज्ञ अंकित गुप्ता कहते हैं कि हमारे देश में भी काफी समय से अर्बन प्लानिंग में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि घर से निकलने के बाद लोगों को कम से कम दूरी पर बाजार या अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें। आज भी देश के ज्यादातर छोटे शहरों में ही वॉकिंग डिस्टेंस पर ही सारी सुविधाएं मिल जाती है। पर हमें स्वीडन के वन मिनट सिटी प्रोजेक्ट जैसी चीजों से भी सीख लेनी चाहिए। बड़े शहरों की लांग टर्म अर्बन प्लानिंग में इससे मदद मिलेगी। 

chat bot
आपका साथी