ओबामा नहीं जाएंगे पाक

अपने कार्यकाल में दूसरी बार भारत का रुख कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक बार फिर पाकिस्तान की मेजबानी को फिलहाल इंतजार का हाथ दिखा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का न्योता स्वीकारने के बाद कूटनीतिक संतुलन की कोशिश में ओबामा ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को फोन

By manoj yadavEdited By: Publish:Sat, 22 Nov 2014 09:10 PM (IST) Updated:Sun, 23 Nov 2014 04:01 AM (IST)
ओबामा नहीं जाएंगे पाक

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अपने कार्यकाल में दूसरी बार भारत का रुख कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक बार फिर पाकिस्तान की मेजबानी को फिलहाल इंतजार का हाथ दिखा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का न्योता स्वीकारने के बाद कूटनीतिक संतुलन की कोशिश में ओबामा ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को फोन तो जरूर किया, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि अभी उनके पाकिस्तान दौरे के लिए मुनासिब वक्त नहीं है। शरीफ के आग्रह पर ओबामा ने कहा कि यात्रा से पहले पाकिस्तान के हालात सामान्य होना जरूरी हैं। इतना ही नहीं नवाज शरीफ की ओर से फोन वार्ता में कश्मीर मुद्दा उठाए जाने पर भी उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति से बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली।

ओबामा की रणनीतिक मजबूरी

शुक्रवार को ट्विटर पर जब नरेंद्र मोदी ने ओबामा को गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किए जाने की सूचना दी तो ह्वाइट हाउस ने भी इसी सोशल साइट पर ही न्योता स्वीकारने का एलान कर दिया। भारत की मेजबानी स्वीकार करने के दूसरे ही दिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने रणनीति के तहत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी फोन किया। दरअसल अफगानिस्तान में अमेरिकी सेनाओं ने अपनी मौजूदगी कम करनी शुरू कर दी है। वहां शांति कायम रखने के लिए पाकिस्तान को भरोसे में रखना अमेरिका की रणनीतिक मजबूरी और जरूरत भी है।

शरीफ का कश्मीर राग

इसीलिए जैसे ही ओबामा का फोन इस्लामाबाद पहुंचा तो शरीफ ने पहले तो उन्हें पाकिस्तान आने का न्योता दिया। ओबामा ने अभी वहां के हालात ठीक न होने की बात कहकर उसे टाल दिया। फिर शरीफ ने तत्काल कश्मीर का राग छेड़ दिया और ओबामा से भारत के समक्ष यह मामला उठाने की गुहार लगाई। मगर ओबामा ने शरीफ के शांति प्रयासों की सराहना तो की, लेकिन इस मुद्दे पर कोई आश्वासन नहीं दिया। दरअसल सीमा पर गोलीबारी में मुंह की खाने के बाद पाक सरकार पिछले कुछ समय से लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर राग अलाप रही है। सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से भी शरीफ ने कश्मीर मुद्दा सुलझाने की गुहार लगाई थी। यह अलग बात है कि विश्व बिरादरी की तरफ से उन्हें अपेक्षित समर्थन तब भी नहीं मिल सका था।

शरीफ ने निकाला गुबार

अब जब ओबामा ने शुक्रवार रात उन्हें भारत के दौरे की जानकारी देने के लिए फोन किया तो शरीफ ने अपने दिल का गुबार निकाल दिया। इस्लामाबाद से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान जारी कर कहा कि ओबामा और शरीफ ने द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय हालात पर भी चर्चा की। बयान में कहा गया है कि शरीफ ने राष्ट्रपति ओबामा से आग्रह किया कि भारतीय नेतृत्व के समक्ष वह कश्मीर के मुद्दे को उठाएं। क्योंकि इसका शीघ्र समाधान एशिया में स्थायी शांति, स्थिरता और आर्थिक सहयोग के लिए महत्वपूर्ण है।

भारत पर डाली जिम्मेदारी

फोन पर बातचीत के दौरान शरीफ ने संबंधों को आगे ले जाने के लिए इस साल के अपने भारत दौरे का भी हवाला दिया। शरीफ इस साल मई में, आम चुनावों में भाजपा की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए नई दिल्ली आए थे। शरीफ ने चुगली भी लगाई कि भारत ने विदेश सचिव स्तर की वार्ता को रद करने और नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की, जिसमें कई नागरिक हताहत हुए। पाकिस्तान ने द्विपक्षीय बातचीत बहाल करने की जिम्मेदारी भारत के ऊपर डाली। इस्लामाबाद ने कहा कि यह भारत की जिम्मेदारी है कि वह इस संदर्भ में अनुकूल माहौल पैदा करे। बयान में दावा किया गया कि राष्ट्रपति ओबामा ने पाकिस्तान के रुख को समझा है।

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