गंभीर बीमारियों में काम आने वाली दवाओं के दाम जल्‍द होंगे 15 फीसद कम

जल्‍द ही गंभीर बीमारियों के इलाज में इस्‍तेमाल होने वाली दवाओं के दाम करीब 15 फीसद तक कम हो जाएंगे। इसके पीछे एनपीपीए है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Mon, 27 Jun 2016 04:18 PM (IST) Updated:Mon, 27 Jun 2016 09:49 PM (IST)
गंभीर बीमारियों में काम आने वाली दवाओं के दाम जल्‍द होंगे 15 फीसद कम

नई दिल्ली। आनेे वाले दिनों में कैंसर, टीबी, अस्थमा, हृदय रोग, मिर्गी, डिप्रेशन और आर्थराइटिस जैसी बीमारियों के इलाज में काम आने वाली कई दवाएं पंद्रह फीसद तक सस्ती हो जाएंगी। इसकी वजह यह है कि सरकार ने दवा कीमत निर्धारण प्रणाली के तहत 42 और ड्रग फॉर्म्यूलेशन के अधिकतम मूल्य तय कर दिए हैं। मनी कंट्रोल की खबर के मुताबिक राष्ट्रीय दवा कीमत निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने इन ड्रग फॉर्म्यूलेशन की कीमतों में 15 फीसद तक की कटौती की है।

दवा कीमत नियामक ने इन दवाओं को प्राइस सीलिंग के दायरे में लाने के संबंध में अधिसूचना जारी की है। इसके अलावा इंट्रावीनस फ्लुइड के 32 शेड्यूल्ड फॉर्म्यूलेशन पैक की कीमतों में भी बदलाव किए हैं। पिछले महीने भी एनपीपीए ने 56 अहम दवा फॉर्म्यूलेशन के दाम 25 फीसद तक घटाए थे। अधिसूचना के मुताबिक अधिकतम कीमत सीमा का पालन नहीं करने वाली दवा कंपनियों को अधिक मूल्य के रूप में वसूली गई अतिरिक्त रकम सूद समेत नियामक के पास जमा करानी होगी।

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शेड्यूल-एक के ड्रग फॉर्म्यूलेशन की अधिकतम कीमत तय करने का काम औषधि (मूल्य नियंत्रण) संशोधन आदेश, 2016 के तहत किया जाता है। इसके अलावा और 12 के खुदरा दाम औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश, 2013 के अंतर्गत तय किए गए। आवश्यक औषधियों की कीमत किसी खास उपचार वाले सेगमेंट में सभी दवाओं के औसत मूल्य के आधार तय की जाती है। कंपनियां ऐसी दवाओं की कीमत सालाना 10 फीसद से ज्यादा नहीं बढ़ा सकती हैं।

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