Coronavirus: नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने वैश्विक महामारी से निपटने के बताए 10 उपाए

Coronavirus in India इन दस कदमों को उठाकरं देश इस महामारी के दंश से जल्द उबर सकता है। यह दस उपाय इस प्रकार हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Mon, 22 Jun 2020 06:19 PM (IST) Updated:Mon, 22 Jun 2020 06:25 PM (IST)
Coronavirus: नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने वैश्विक महामारी से निपटने के बताए 10 उपाए
Coronavirus: नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने वैश्विक महामारी से निपटने के बताए 10 उपाए

नई दिल्ली, एएनआइ। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के खिलाफ भारत के प्रयासों को कामयाब बनाने के लिए सोमवार को दस उपाय साझा किए हैं। इन दस कदमों को उठाकरं देश इस महामारी के दंश से जल्द उबर सकता है। यह दस उपाय इस प्रकार हैं...

- पहला कदम : कोविड-19 की जांच के लिए बड़े पैमाने पर टेस्टिंग की जाए। कांच ने कहा कि उदाहरण के लिए न्यूजीलैंड ने इसी तरीके से पूरी तरह से इस वायरस से निजात पा ली है। भारतीय राज्यों में केरल और कर्नाटक इसकी मिसाल हैं।

- दूसरा कदम : गहन कांटैक्ट ट्रेसिंग की जाए। दक्षिण कोरिया ने इसी रणनीति को अपनाकर सफलता पाई है। न्यूजीलैंड ने इस संबंध में लोगों को हर जगह क्यूआर कोड स्कैन करने को कहा था ताकि हर वक्त उनकी लोकेशन का पता चल सके।

-तीसरा कदम : कांत ने समय रहते इलाज का सुझाव दिया। कोविड-19 के लक्षणों की पहचान जल्द करने से संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है।

-चौथा कदम : अलग क्वारंटाइन केंद्रों की स्थापना से बड़ी कामयाबी मिलेगी। जिन देशों ने अपने हवाई अड्डों पर आने वाले यात्रियों को वहीं क्वारंटाइन किया वह आज कोरोना से मुक्त हैं।

-पांचवां कदम : लॉकडाउन स्थायी समाधान नहीं है। इसलिए कार्यस्थलों पर ही शारीरिक दूरी के सभी नियमों और संक्रमण से बचाव के सभी तरीकों का पूरी सख्ती से पालन हो।

-छठवां कदम : सभी आंकड़े सामने रख कर संक्रमण का सही विश्लेषण हो ताकि वक्त रहते सही रणनीति बने। आंकड़ों को छिपाया न जाए।

-सातवां कदम : बड़े पैमाने पर संक्रमण को रोकने के लिए तकनीक का अधिकाधिक उपयोग किया जाए।

-आठवां कदम : नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए.

-नौवां कदम : कोविड काल में कोरोना वॉरियर्स और इससे अग्रिम मोर्चे पर निपटने वाले कर्मचारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण और प्रोटोकाल की पूरी जानकारी दी जाए।

-दसवां कदम : सरकारी प्रयासों के साथ ही जनभागीदारी भी जरूरी है। अन्यथा सभी प्रयास अधूरे रह जाएंगे।

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