Manipur Violence: NIA ने साजिश रचने के आरोप में मणिपुर से दूसरे आरोपी को किया गिरफ्तार, लाया गया दिल्ली

म्यांमार और बांग्लादेश स्थित उग्रवादी संगठनों की ओर से मणिपुर में जातीय अशांति का फायदा उठाकर अंतरराष्ट्रीय साजिश रचने के मामले में एनआईए ने दूसरी गिरफ्तारी की है। आरोपित सेमिनलुन गंगटे को गिरफ्तारी के बाद दिल्ली लाया गया जहां उसे अदालत में पेश किया जाएगा। नौ दिनों के अंदर इस मामले में यह दूसरी गिरफ्तारी है। एनआइए ने 19 जुलाई को स्वत संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था।

By AgencyEdited By: Publish:Sat, 30 Sep 2023 11:55 PM (IST) Updated:Sat, 30 Sep 2023 11:55 PM (IST)
Manipur Violence: NIA ने साजिश रचने के आरोप में मणिपुर से दूसरे आरोपी को किया गिरफ्तार, लाया गया दिल्ली
मणिपुर पुलिस ने चूड़चंदपुर में सेमिनलुन गंगटे को गिरफ्तार कर एनआइए को सौंपा है।

HighLights

  • मणिपुर में जातीय अशांति का फायदा उठाकर साजिश रचने के आरोप में हुई दूसरी गिरफ्तारी
  • एनआईए ने 19 जुलाई को स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज किया था मामला
  • 22 सितंबर को एनआइए ने मोइरांगथेम आनंद सिंह को मणिुपर से पकड़ा था

नई दिल्ली, एएनआई। म्यांमार और बांग्लादेश स्थित उग्रवादी संगठनों की ओर से मणिपुर में जातीय अशांति का फायदा उठाकर अंतरराष्ट्रीय साजिश रचने के मामले में एनआईए ने दूसरी गिरफ्तारी की है। एनआइए ने 19 जुलाई को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था। मणिपुर पुलिस ने चूड़चंदपुर में सेमिनलुन गंगटे को गिरफ्तार कर एनआइए को सौंपा है।

आरोपी गंगटे को लाया गया दिल्ली

आरोपित सेमिनलुन गंगटे को गिरफ्तारी के बाद दिल्ली लाया गया, जहां उसे अदालत में पेश किया जाएगा। नौ दिनों के अंदर इस मामले में यह दूसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले 22 सितंबर को एनआइए ने मोइरांगथेम आनंद सिंह को मणिुपर से पकड़ा था। एनआइए को जांच में पता चला है कि म्यांमार और बांग्लादेश स्थित उग्रवादी समूहों ने भारत में उग्रवादी नेताओं के एक वर्ग के साथ मिलकर हिंसा की घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रची।

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जातीय समूहों के बीच दरार पैदा करने के लिए रची गई थी साजिश

यह साजिश विभिन्न जातीय समूहों के बीच दरार पैदा करने और सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के उद्देश्य से रची गई। एनआइए ने कहा कि इसके लिए संगठन से जुड़े उग्रवादियों की ओर से गोला-बारूद और अन्य हथियारों की खरीद के लिए धन मुहैया कराई गई। जातीय संघर्ष को भड़काने के लिए सीमा पार के साथ-साथ भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में सक्रिय अन्य उग्रवादी संगठनों से भी इसमें सहायता की थी।

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