MHA to HC: किसी भी विदेशी को बिना नोटिस दिए कभी भी बाहर निकाल सकती है सरकार

केंद्र सरकार ने एक मामले में हाईकोर्ट में कहा है कि सरकार कभी भी किसी विदेशी को बिना नोटिस दिए ही देश से बाहर निकाल सकती है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Tue, 07 May 2019 06:42 PM (IST) Updated:Tue, 07 May 2019 07:04 PM (IST)
MHA to HC: किसी भी विदेशी को बिना नोटिस दिए कभी भी बाहर निकाल सकती है सरकार
MHA to HC: किसी भी विदेशी को बिना नोटिस दिए कभी भी बाहर निकाल सकती है सरकार

नई दिल्‍ली, एजेंसी। केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने मंगलवार को एक मामले में दिल्‍ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में कहा कि केंद्र सरकार (Central Government) के पास विदेशी नागरिकों को बिना कोई नोटिस दिए देश से 'निष्कासित करने का अप्रतिबंधित अधिकार' है, भले ही उनके पास वैध वीजा ही क्‍यों न हो। केंद्र सरकार ने यह जवाब एक पाकिस्‍तानी महिला के पति की ओर से दाखिल उस याचिका पर दिया, जिसमें कहा गया है कि उसकी पत्‍नी के पास वैध वीजा है जो साल 2020 तक वैध है।

इस याचिका पर उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश राजेंद्र मोहन और जस्टिस एजे भांबरी सुनवाई कर रहे हैं। सरकार ने कहा है कि उक्‍त महिला के खिलाफ सुरक्षा की बाबत प्रतिकूल रिपोर्टें हैं। वहीं याचिकाकर्ता पति का कहना है कि उसकी पत्‍नी के पास लॉन्‍ग टर्म वीजा है जिसकी वैधता साल 2020 तक की है। केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्‍ता अनुराग अहलुवालिया की ओर से दाखिल किए गए हलफनामे में कहा गया है कि एक बार किसी विदेशी के खिलाफ भारत छोड़ने का फैसला जारी कर दिए जाने के बाद वैध वीजा होने के बावजूद उसे यहां रहने का कोई अधिकार नहीं है। 

केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि सरकार के पास किसी भी विदेश को कारण बताओ नोटिस जारी करने का कोई वैधानिक दायित्‍व नहीं है। महिला को भारत छोड़ने का नोटिस खुद ही उसकी शेष वीजा अवधि की वैधता को रदृ कर रहा है। 1946 के फॉरेनर एक्‍ट के मुताबिक, सरकार के पास किसी भी विदेशी को 'निष्कासित करने का अप्रतिबंधित अधिकार' है। इसके साथ ही केंद्र ने अदालत से यह याचिका खारिज करने की गुजारिश की। अदालत अब इस मामले में 13 मई को सुनवाई करेगी। 

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