पहली बार इस गांव में उतरा हेलीकॉप्टर, मजदूर की बेटी की हुई विदाई, जानें रोचक किस्‍सा

रविवार को दूल्हा संजय, अपने पिता व ताऊ के लड़के के साथ हेलीकॉप्टर में अपनी ससुराल पहुंचे। बरात में शामिल करीब 50 लोग कारों व दूसरे वाहनों से आए।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sun, 10 Feb 2019 12:33 PM (IST) Updated:Mon, 11 Feb 2019 10:17 AM (IST)
पहली बार इस गांव में उतरा हेलीकॉप्टर, मजदूर की बेटी की हुई विदाई, जानें रोचक किस्‍सा
पहली बार इस गांव में उतरा हेलीकॉप्टर, मजदूर की बेटी की हुई विदाई, जानें रोचक किस्‍सा

सोनीपत [परमजीत, गोहाना]। गांव हसनगढ़ में बीपीएल परिवार की बेटी और साधारण परिवार के बेटे के बीच रविवार को हुई शादी मिसाल बन गई। हिसार के हांसी क्षेत्र के रामपुरा से दूल्हे राजा हेलीकॉप्टर में पहुंचे। वर पक्ष ने दहेज में मात्र एक रुपये का शगुन लिया। फेरे लेने व अन्य रस्म पूरी करने के बाद दूल्हा अपनी दुल्हनियां को हेलीकॉप्टर में लेकर अपने घर चले गए।

यह शादी क्षेत्र में कौतूहल का विषय बन गई है कि बीपीएल परिवार की बेटी की शादी में विदाई हेलीकॉप्टर में हुई। रविवार को दूल्हा संजय, अपने पिता व ताऊ के लड़के के साथ हेलीकॉप्टर में अपनी ससुराल पहुंचे। बरात में शामिल करीब 50 लोग कारों व दूसरे वाहनों से आए।

धूमधाम से शादी की रस्म पूरी की गई, लेकिन दूल्हे व उसके परिवार ने दहेज लेने से साफ मना कर दिया। शाम करीब पौने पांच बजे संजय, उनकी पत्नी संतोष व एक अन्य हेलीकॉप्टर में बैठ कर रामपुरा के लिए रवाना हो गए।

विवाह की रस्म पूरी होने के बाद शाम करीब पौने पांच बजे वापस रामपुरा के लिए हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी। संतोष की सादगी के चलते बेटे का रिश्ता किया। बेशक बहू बीपीएल परिवार से है लेकिन मैंने उसका और उसके परिवार का हौसला बढ़ाने और समाज को संदेश देने के लिए हेलीकॉप्टर से बेटे की दुल्हन को ले जाने का निर्णय लिया।

दूल्हे के पिता सतबीर ने कहा कि संतोष का मनोबल बढ़ेगा और वह जीवन में आगे बढ़ने के लिए अधिक मेहनत करेगी। यह करके मैं प्रधानमंत्री के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे को सार्थक भी करना चाहता हूं।  

वहीं, दुल्हन के पिता सतबीर सिंह यादव ने कहा कि पहले मैं सोचता था कि लड़कियां बोझ होती हैं। पहले पढ़ाओ और उसके बाद शादी में लाखों खर्च करने पड़ते, मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ। बेटी के रिश्ते के लिए धक्के नहीं खाने पड़े और शादी में दहेज भी नहीं देना पड़ा। समाज की सोच बदल रही है।

प्राची जैन (पायलट) कहते हैं- मैं करीब दस साल से पायलट हूं। बड़े घरानों के लोगों को कई बार शौक के चलते शादियों में दुल्हन को हेलीकॉप्टर में लेकर आते देखा है। मैंने पहली बार देखा कि साधारण परिवार का बेटा बीपीएल परिवार से अपनी दुल्हन को हेलीकॉप्टर में लेकर आया है।
 

भा गई थी दुल्‍हन की सादगी
हिसार जिले के अंतर्गत हांसी क्षेत्र के गांव रामपुरा निवासी सतबीर करीब सवा साल पहले गोहाना क्षेत्र के गांव हसनगढ़ में एक कार्यक्रम में आये थे। उस समय उनकी नजर गांव के मजदूर सतबीर सिंह यादव की बेटी संतोष पर पड़ गई। वे उसकी सादगी से काफी प्रभावित हो गए थे और उन्होंने उसी समय अपने बेटे संजय की शादी उससे कराने की सोच ली थी।

एक सप्‍ताह में कर दिया रिश्‍ता पक्‍का
इसके करीब एक सप्ताह बाद 1 जनवरी, 2018 को वे परिजनों को लेकर गांव हसनगढ़ पहुंचे और सतबीर सिंह से अपने बेटे के लिए संतोष का हाथ मांगते हुए रिश्ता भी पक्का कर दिया। वे शादी यादगार बनाने के साथ ही बिना दहेज बेटी की शादी कर मिसाल भी देना चाहते हैं।

मुश्किल थी राह, भूमि अधिग्रहण ने किया आसान
सतबीर अपने बेटे की शादी को यादगार बनाने के लिए हेलीकॉप्टर से दुल्हन की डोली लाना चाहते थे, लेकिन उनके पास मात्र तीन एकड़ जमीन थी और पारिवारिक पृष्ठभूमि भी साधारण थी। ऐसे में पैसों के इंतजाम काफी मुश्किल थे, लेकिन इसी दौरान उनकी हांसी में नेशनल हाईवे पर स्थित आधा एकड़ जमीन का सरकार ने अधिग्रहण कर लिया। इसके मुआवजे में मिले कुछ पैसे को खर्च कर उन्होंने बेटे की शादी को यादगार बनाने की राह निकाल ली।

सपने में भी नहीं सोचा था ऐसे होगी मेरी विदाई
संतोष का कहना है कि बीपीएल परिवार से होने के चलते उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी डोली हेलीकॉप्टर से जाएगी। विदाई तो दूर, उसने तो हेलीकॉप्टर में बैठने की भी नहीं सोची थी, लेकिन अब यह हकीकत में बदलने जा रहा है। उसने बताया कि वह अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर पा रही है। वास्तव में यह एक यादगार शादी है।

ताऊ के लड़के ने पढ़ाया
संतोष के माता-पिता मजदूरी करके परिवार का खर्च चलाते हैं। संतोष के ताऊ स्व. राजमल की पत्नी ओमपति ने उसकी पढ़ाई का खर्च उठाने का संकल्प लिया। ओमपति ने संतोष को 12वीं कक्षा के बाद आगे पढ़ने के लिए करीब तीन साल पहले जयपुर में बिजली विभाग में नियुक्त अपने बेटे पवन के पास भेज दिया था। 21 वर्ष की संतोष ने इसी साल ही बीए पास की है। उधर, संजय इस समय बीए फाइनल में पढ़ रहा है।

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