मुजफ्फरनगर दंगा: 'बड़े' चेहरों पर हाथ डालने से कतरा रही पुलिस

मुजफ्फरनगर। जिले में भड़की हिंसा में पुलिस बड़े चेहरों को गिरफ्तार करने से कतरा रही है। दंगों के क्रम में अलग-अलग थानों में तीन दर्जन से ज्यादा बलवाइयों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें अब तक 650 से ज्यादा लोगों को पुलिस शांतिभंग व बलवे में जेल भेज चुकी है, पर बड़े नेताओं को गिरफ्तार करने से बच रही है। नेताओं की गिरफ्तार

By Edited By: Publish:Sat, 14 Sep 2013 03:27 PM (IST) Updated:Sat, 14 Sep 2013 03:29 PM (IST)
मुजफ्फरनगर दंगा: 'बड़े' चेहरों पर हाथ डालने से कतरा रही पुलिस

मुजफ्फरनगर। जिले में भड़की हिंसा में पुलिस बड़े चेहरों को गिरफ्तार करने से कतरा रही है। दंगों के क्रम में अलग-अलग थानों में तीन दर्जन से ज्यादा बलवाइयों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें अब तक 650 से ज्यादा लोगों को पुलिस शांतिभंग व बलवे में जेल भेज चुकी है, पर बड़े नेताओं को गिरफ्तार करने से बच रही है। नेताओं की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई दिन पूर्व मात्र एक बार रस्मी दबिश दी थी, लेकिन कोई हत्थे नहीं चढ़ा। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का दावा है जल्द ही बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया जायेगा। उधर शांतिभंग में दबोचे गए करीब 50 लोगों को रिहा भी कर दिया गया है।

सात सितंबर को भड़की हिंसा के बाद नई मंडी कोतवाली में हत्या, बलवा, आगजनी, तोडफोड़ के नौ मुकदमे दर्ज किए गए हैं। सिविल लाइन में बलवे व फायरिंग का एक मुकदमा दर्ज किया गया है। उधर शहर कोतवाली में हत्या, बलवा, आगजनी के 11 मुकदमे दर्ज किए गए। फुगाना थाने में हिंसा के चलते 12 मुकदमे दर्ज किए गए। मीरापुर में आधा दर्जन मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जबकि सिखेड़ा, भोपा व शाहपुर में भी हिंसा के कई मुकदमे दर्ज किए गए। दर्ज मुकदमों में भाजपा, बसपा, कांग्रेस, भाकियू के नेताओं के नाम भी शामिल हैं।

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