COVID-19 के साथ बारिश में होने वाली मच्छर जनित बीमारियां भी बन रहीं चुनौती

बारिश का मौसम कई बीमारियों के लिए खतरा बनता है जिनमें मच्छरजनित बीमारियां हैं खास। कोविड-19 के साथ ही हमें इस तरह के संक्रमण से बचने के लिए बरतनी होगी सतर्कता...

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Wed, 26 Aug 2020 10:46 AM (IST) Updated:Wed, 26 Aug 2020 10:46 AM (IST)
COVID-19 के साथ बारिश में होने वाली मच्छर जनित बीमारियां भी बन रहीं चुनौती
COVID-19 के साथ बारिश में होने वाली मच्छर जनित बीमारियां भी बन रहीं चुनौती

नई दिल्ली, जेएनएन। Prevention Of Mosquito Borne Diseases In India कोविड-19 से संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, जब तक इसकी वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक यह कह पाना मुश्किल है कि इसके संक्रमण से कब तक मुक्ति मिलेगी। हां, जो बात चिकित्सकों द्वारा बार-बार दोहराई जा रही है, उसमें शारीरिक दूरी, मास्क का सही प्रयोग और स्वच्छता के साथ अपनी इम्युनिटी को मजबूत बनाए रखना शामिल है।

ये सावधानियां हमें कोरोना संक्रमण के साथ ही अन्य बीमारियों से भी बचाने में अहम हैं। इनका पालन अब और भी जरूरी हो जाता है, क्योंकि यह दौर कोरोना संक्रमण के साथ मच्छरजनित रोगों के संक्रमण से बचने का भी है। बारिश में गंदगी होने और साफ-सफाई के अभाव में मच्छर तेजी से पनपते हैं, जिनके काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और पीला बुखार जैसी बीमारियां होती है।

संक्रमण के प्रमुख लक्षण

ठंड के साथ तेज बुखार आना

सिर चकराना व घबराहट होना

उलटी आना एवं जुकाम होना

शरीर में शर्करा स्तर तेजी से गिरना

कभी-कभी संक्रमित व्यक्ति का बेहोश हो जाना

कंपकंपी के साथ बुखार और फिर बुखार कम होने पर पसीना आना

इस तरह से करें बचाव: मच्छरदानी का प्रयोग करें फुल आस्तीन के कपडे़ पहनें घर की स्वच्छता का ध्यान रखें खिड़की व दरवाजे जालीदार रखें समय-समय पर कीटनाशकों का छिड़काव करें घर के आसपास की नालियों को बंद रखें और उनमें चूना डलवा दें घर में किसी भी तरह का कबाड़ या अनुपयोगी सामान इकट्ठा न करें सोते समय सरसों का तेल या अन्य मेडीकेटेड ऑयल, जेल आदि का भी इस्तेमाल कर सकते हैं खाली डिब्बे, गमले या अन्य ऐसी चीजें घर में न रखें, जिनमें बारिश का पानी कई दिन तक भरा रहे और मच्छरों को पनपने का मौका मिले

जरूरत जागरूकता की: मच्छरजनित बीमारियों में मलेरिया सबसे प्रचलित बीमारी है और यह मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने पर होती है, लेकिन इसमें सबसे घातक संक्रमण डेंगू का होता है। मच्छरों के संक्रमण से होने वाली किसी भी बीमारी में खतरा तब और बढ़ जाता है, जब रोगी टीबी, एड्स व कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाला होता है। मच्छरों पर यह चर्चा अभी इसलिए भी अहम हो जाती है, क्योंकि 20 अगस्त 1897 में डॉ. रोनाल्ड रॉस ने इस बात का पता लगाया था कि मलेरिया मच्छर के काटने से होता है। तब से इस दिन को विश्व मच्छर दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

वाहक है मादा मच्छर: मच्छरजनित बीमारी के लिए मादा मच्छर जिम्मेदार होती है। मादा मच्छर मानव या पशु का रक्त चूसती है। रक्त चूसने से उसे प्रोटीन मिलता है। इस प्रोटीन से उसे गर्भधारण के बाद अंडों को विकसित करने में काफी मदद मिलती है।

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