Monsoon Update 2022: मानसून को लेकर मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी, जानें- इस बार कितनी होगी बारिश

Monsoon Update 2022 मौजूदा मानसून सीजन के लिए बारिश का हालिया दीर्घकालिक अनुमान जारी करते हुए महापात्र ने कहा कि देश के ज्यादातर हिस्सों में अच्छी बारिश होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि मध्य व प्रायद्वीपीय भारत में दीर्घकालिक औसत के सापेक्ष 106 प्रतिशत बारिश का अनुमान है

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Tue, 31 May 2022 02:56 PM (IST) Updated:Tue, 31 May 2022 05:37 PM (IST)
Monsoon Update 2022: मानसून को लेकर मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी, जानें- इस बार कितनी होगी बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक इस बार जमकर होगी बरसात (फोटो एएनआई)

नई दिल्ली, एजेंसी। देश के वर्षा आधारित कृषि क्षेत्र में इस मानसून सामान्य से अधिक बारिश होगी। मौसम विज्ञान विभाग की तरफ से मंगलवार को जारी नए पूर्वानुमान ने बंपर पैदावार व महंगाई पर अंकुश की उम्मीद जगा दी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने संवाददाताओं से कहा कि इस मानसून सीजन दीर्घकालिक औसत के 103 प्रतिशत बारिश का अनुमान है।

आइएमडी ने अप्रैल में देश में सामान्य बारिश का अनुमान लगाया था, जिसके दीर्घकालिक औसत के 99 प्रतिशत रहने की संभावना थी। मौसम विभाग दीर्घकालिक औसत के 96-104 प्रतिशत बारिश को सामान्य मानता है। विभाग ने अप्रैल में ही नया दीर्घकालिक औसत जारी किया है। इसका आधार वर्ष 1971 से 2020 तक मानसून सीजन में हुई बारिश है। बारिश का दीर्घकालिक औसत 87 सेंटीमीटर या 870 मिलीमीटर है।

गुजरात से ओडिशा तक सामान्य से अधिक बारिश

मानसून के खास जोन में आने वाले गुजरात से ओडिशा तक के राज्य कृषि के लिए बारिश पर निर्भर हैं। इन राज्यों में सामान्य से अधिक यानी दीर्घकालिक औसत के 106 प्रतिशत बारिश का अनुमान है। महापात्र ने कहा कि मध्य व प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से अधिक बारिश होगी, जबकि पूर्वोत्तर व उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में सामान्य बारिश का अनुमान है।

लगातार चौथे साल इंद्र देव मेहरबान

यह लगातार चौथा साल है, जब भारत में मानसून के सामान्य रहने का अनुमान है। इससे पहले वर्ष 2005-08 व वर्ष 2010-13 तक मानसून सामान्य रहा था। महापात्र ने कहा कि सामान्य से कम बारिश का दौर समाप्त होने वाला है और निकट भविष्य में सामान्य मानसून की संभावना बना रहेगी।

पूर्वानुमान के लिए अपनाई जाती है वैज्ञानिक प्रक्रिया 

केरल में मानसून की शुरआत की घोषणा में 'जल्दबाजी' के आरोपों से जुड़े सवाल पर महापात्र ने कहा कि मौसम विभाग मानसून के पूर्वानुमान व उसकी प्रगति के आकलन के लिए वैज्ञानिक प्रक्रिया का पालन करता है। केरल के 70 प्रतिशत मौसम केंद्रों ने व्यापक बारिश की सूचना दी है।

मौजूदा ला नीना स्थितियां शुभ संकेत

मौजूदा ला नीना स्थितियों के अगस्त तक बने रहने की उम्मीद है और यह भारत में मानसूनी बारिश के लिए शुभ संकेत है। ला नीना स्थितियां भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र के ठंडा होने से संदर्भित हैं। हालांकि, इंडियन ओसियन डाइपोल के नकारात्मक विकास की आशंका के कारण केरल सहित दक्षिण-पश्चिमी प्रायद्वीप में सामान्य से कम वर्षा हो सकती है। ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि पश्चिमी हिंद महासागर की सतह का तापमान सामान्य से ठंडा रहेगा।

जून में सामान्य से नीचे रहेगा अधिकतम तापमान

महापात्र ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड व अरणाचल प्रदेश को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में जून में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है।

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