ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मोदी सरकार की बड़ी योजना, ऐसे दूर होगी स्वास्थ्य सेवाओं की कमी

आयुष्मान सहकार योजना के तहत सहकारी संस्थाओं को ग्रामीण इलाकों में अस्पताल मेडिकल कॉलेज खोलने से लेकर अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। एनसीडीसी ने अगले कुछ वर्षो में इसके लिए 10 हजार करोड़ रुपये कर्ज देने का एलान किया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Mon, 19 Oct 2020 08:10 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 07:09 AM (IST)
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मोदी सरकार की बड़ी योजना, ऐसे दूर होगी स्वास्थ्य सेवाओं की कमी
सरकार ने शुरू की 'आयुष्मान सहकार' योजना फाइल फोटो

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने अब कोऑपरेटिव (सहकारी संस्थाओं) का रास्ता अपनाया है। सोमवार को लांच की गई 'आयुष्मान सहकार' योजना के तहत सहकारी संस्थाओं को ग्रामीण इलाकों में अस्पताल, मेडिकल कॉलेज खोलने से लेकर अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने अगले कुछ वर्षो में इसके लिए 10 हजार करोड़ रुपये कर्ज देने का एलान किया है।

पूरे देश में और खासकर ग्रामीण इलाकों में कोऑपरेटिव की अहम मौजूदगी है। दुग्ध उत्पादन से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में कोऑपरेटिव किसानों के बीच काम कर रही हैं। इनमें कुछ कोऑपरेटिव संस्थाएं ऐसी भी हैं जो अस्पताल भी चलाती हैं। लगभग 5,000 बिस्तरों वाले 52 अस्पताल कोऑपरेटिव संस्थाओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। दूसरी ओर, ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी है। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद निजी क्षेत्र ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश के लिए आगे नहीं आ रहा है। सरकार का मानना है कि वहां पहले से काम कर रहीं कोऑपरेटिव संस्थाओं को जोड़ने से ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।

किसानों को बेहतर और सस्ता इलाज उपलब्ध हो सकेगा

आयुष्मान सहकार योजना लांच करते हुए केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि यह किसानों को बेहतर सुविधाएं पहुंचाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता का एक हिस्सा है। ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से किसानों को बेहतर और सस्ता इलाज उपलब्ध हो सकेगा और उन्हें दूर शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उनके अनुसार, कोई कोऑपरेटिव संस्था जिसके उद्देश्य में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना शामिल हो, एनसीडीसी से इस योजना के तहत कर्ज लेने की हकदार हो सकती है।

27 सेवाओं के लिए एनसीडीसी देगा कर्ज

एनसीडीसी ने कुल 27 सेवाओं को सूची जारी की है जिनके लिए कोऑपरेटिव संस्थाओं को कर्ज दिया जाएगा। इनमें अस्पताल के साथ-साथ आयुष, डेंटल, नर्सिंग, फार्मेसी या फिजियोथेरेपी कॉलेज खोला जा सकता है, जिनमें स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के कोर्स शुरू किए जा सकते हैं। साथ ही वेलनेस सेंटर, टेस्टिंग लैब, मोबाइल क्लीनिकल सेवाएं, ब्लड बैंक जैसी सेवाओं को शुरू करने के लिए एनसीडीसी से कर्ज लिया जा सकता है।

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