कालेधन से कड़ाई से निपटने की तैयारी में जुटी मोदी सरकार

मोदी सरकार ने ईडी में सालों से खाली पड़े वरिष्ठ अधिकारियों के पदों को पूरी तरह भर दिया है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Thu, 27 Oct 2016 08:35 PM (IST) Updated:Thu, 27 Oct 2016 11:50 PM (IST)
कालेधन से कड़ाई से निपटने की तैयारी में जुटी मोदी सरकार

नीलू रंजन, नई दिल्ली। खुद ही कालेधन की घोषणा करने का मौका देने के बाद सरकार ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ाई से निपटने की तैयारी में है। यही कारण है कि कालेधन को जब्त करने वाली एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय को मजबूत कर दिया है। मोदी सरकार ने ईडी में सालों से खाली पड़े वरिष्ठ अधिकारियों के पदों को पूरी तरह भर दिया है। अगले हफ्ते तक यहां नौ संयुक्त निदेशक, दो अतिरिक्त निदेशक और दो विशेष निदेशक नियुक्त हो जाएंगे। इसके साथ ही ईडी को पौने दो साल बाद स्थायी निदेशक भी मिल गया है।

अधिकारियों की कमी के कारण ईडी में कालेधन से जुड़े मामले की जांच ठीक से नहीं हो पा रही थी। कई मामले सालों-साल से लंबित थे। लेकिन अभी तक अधिकारियों की कमी दूर करने का कोई प्रयास नहीं किया था। पहली बार मोदी सरकार ने सभी उच्च पदों को एक साथ भर दिया है।

पिछले हफ्ते उच्च स्तरीय बैठक में नौ संयुक्त निदेशक, दो अतिरिक्त निदेशक और दो विशेष निदेशक को प्रतिनियुक्ति पर ईडी में भेजने को हरी झंडी दे दी गई। ये सभी अधिकारी दीवाली बाद ईडी में काम संभाल लेंगे। इसके साथ ही तीन साल से इंतजार कर रहे राजेश्वर सिंह को उप निदेशक से संयुक्त निदेशक बना दिया गया है। इसी बीच ईडी के 16 सहायक निदेशकों को प्रोन्नत कर उप निदेशक बना दिया है।

पढ़ें- पनामा पेपर्स में SC की तरफ से गठित एसआइटी को सौंपी गई पांच रिपोर्ट

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन अधिकारियों के पद संभालने के बाद अधिकारियों की कमी लगभग दूर हो जाएगी। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ निचले स्तर पर ईडी में नियुक्ति तेजी से की जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले छह महीने में प्रवर्तन अधिकारी और सहायक निदेशक के पद पर 150 से अधिक अधिकारियों की नियुक्ति की जा चुकी है और यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी।

सबसे बड़ी बात यह है कि पिछले साल जनवरी के बाद पहली बार ईडी को स्थायी निदेशक मिला है। सरकार ने पिछले 15 महीने से निदेशक का प्रभार रहे कर्नल सिंह को स्थायी निदेशक बना दिया है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इससे ईडी की जांच में तेजी आएगी और पुराने लंबित मामलों को तेजी से निपटाया जा सकेगा। मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत ईडी कालेधन को जब्त करने का अधिकार है।

पढ़ें- कालेधन के आंकड़ों को साझा नहीं करेगा वित्त मंत्रालय

chat bot
आपका साथी