प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रच रहा था मिर्जा

वह कट्टरपंथी मौली शेख अब्दुल्लाह अल फैसल के साथ जिहादी मिशन में शामिल होना चाहता था। उसने जमैका में पिनकैल हेल्थकेयर लिमिटेड में नौकरी के लिए आवेदन सौंपा था।

By Jagran News NetworkEdited By: Publish:Thu, 10 May 2018 08:59 PM (IST) Updated:Fri, 11 May 2018 05:30 PM (IST)
प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रच रहा था मिर्जा
प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रच रहा था मिर्जा

राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। आइएस का संदिग्ध आतंकी उबेद मिर्जा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्नाइपर राइफल से हत्या करने की साजिश रच रहा था। मिर्जा ने मैसेजिंग ऐप पर इस तरह का संदेश चलाया था। आतंकवाद निरोधी दस्ते ने उसके सेलफोन और पेन ड्राइव से संदेश रिकवर कर लिया है। इस साजिश में लैब तकनीशियन कासिम स्तिमबेवला भी शामिल है। दोनों एक अस्पताल में साथ काम कर चुके हैं। एटीएस ने अंकलेश्वर कोर्ट में उनके खि‍लाफ आरोपपत्र दायर किया है।

सूरत जिला अदालत में बतौर वकील काम कर चुके मिर्जा और लेब तकनीशियन कासिम को गुजरात एटीएस ने 25 अक्टूबर 2017 को अंकलेश्वर से गिरफ्तार किया था। एटीएस के मुताबिक, कासिम ने गिरफ्तारी से 21 दिन पहले ही अस्पताल में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वह जमैका भागना चाहता था। वह कट्टरपंथी मौली शेख अब्दुल्लाह अल फैसल के साथ जिहादी मिशन में शामिल होना चाहता था। उसने जमैका में पिनकैल हेल्थकेयर लिमिटेड में नौकरी के लिए आवेदन सौंपा था।

एटीएस के एक अधिकारी ने कहा कि 22 सितंबर 2017 से 21 सितंबर 2019 तक का वर्क परमिट बरामद कर लिया गया है। आरोपपत्र में बताया गया है कि 10 सितंबर 2016 को 11 बजकर 24 मिनट पर मिर्जा ने मैसेज किया था, 'पिस्टल निश्चित रूप से खरीदते हैं .. तो मैं उसके साथ संपर्क तलाशने की कोशिश करुंगा।' (यदि पिस्तौल खरीदा जाना है, तो मैं एक स्नाइपर खोजने की कोशिश करूंगा।) संदेश किसे संबोधित किया गया यह स्पष्ट नहीं है। आरोपपत्र के अनुसार, लगभग 11 बजकर 28 मिनट पर मिर्जा को सोशल मीडिया संपर्क से एक जवाब मिला, 'हां, चलो मोदी को स्नाइपर राइफल से बाहर ले जाएं।'

एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस मामले में कई संदिग्ध हैं। उनमें से कुछ मामले में गवाह बन गए हैं। ऐसे संदेश ऑटो समूह (अंसार-उल-ताहीद) नामक सोशल मीडिया समूह पर साझा किए जाते थे। हमने संदेशों की पुष्टि के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत गवाहों के बयान दर्ज कराए हैं 

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