सरकार ने पैरामिलिट्री कैंटीनों में 1000 से अधिक उत्‍पादों की बिक्री रोकने वाली सूची पर लगाई रोक

गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ (Central Armed Police Forces CAPFs) की कैं‍टीनों में गैर स्‍वदेशी उत्‍पादों की बिक्री नहीं करने करने को लेकर जारी सूची पर रोक लगा दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 06:49 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 07:12 PM (IST)
सरकार ने पैरामिलिट्री कैंटीनों में 1000 से अधिक उत्‍पादों की बिक्री रोकने वाली सूची पर लगाई रोक
सरकार ने पैरामिलिट्री कैंटीनों में 1000 से अधिक उत्‍पादों की बिक्री रोकने वाली सूची पर लगाई रोक

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों यानी सीएपीएफ (Central Armed Police Forces, CAPFs) की कैं‍टीनों में गैर स्‍वदेशी उत्‍पादों की बिक्री नहीं करने करने को लेकर जारी सूची पर रोक लगा दी है। सरकार ने कहा है कि उक्‍त सूची में विसंगतियां थीं और जल्‍द ही नई सूची जारी की जाएगी। इससे पहले खबर थी कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कैंटीनों ने डाबर, वीआईपी इंडस्ट्रीज, यूरेका फोर्ब्स, जकुआर, एचयूएल (फूड्स), नेस्ले इंडिया जैसी कंपनियों के एक हजार से अधिक उत्पादों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

सीएपीएफ की ओर से कहा गया था कि सोमवार से संबंधित उत्पादों की उनकी कैंटीनों में बिक्री नहीं होगी क्योंकि ये स्वदेशी नहीं हैं या फिर इनको पूरी तरह आयातित उत्पादों से बनाया जाता है। मालूम हो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 13 मई को ऐलान किया था कि कि 1,700 से अधिक केंद्रीय पुलिस कैंटीनों या सीएपीएफ कैंटीनों का देशव्यापी नेटवर्क घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक जून से स्वदेशी उत्पाद ही बेचेगा। लेकिन अब गृह मंत्रालय की ओर से केंद्रीय पुलिस कल्याण बोर्ड (Central Police Welfare Board) को कहा गया है कि वह उसकी ओर से जारी उस लिस्‍ट पर रोक लगा दे जिसमें 70 कंपनियों के 1,026 उत्‍पादों की बिक्री से परहेज करने की बात कही गई थी।

वहीं डब्ल्यूएआरबी के अध्‍यक्ष (Chairman WARB cum DG CRPF) की ओर से कहा गया है कि कुछ उत्पादों की डी लिस्टिंग के संबंध में केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार की सूची को सीईओ के स्तर पर गलत तरीके से जारी किया गया है। अब इस सूची को वापस ले लिया गया है। इसमें चूक के लिए जिम्‍मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू की जा रही है। उक्‍त सूची से बाहर हुई कंपनियों में ब्लू स्टार लिमिटेड, बोरोसिल ग्लास वर्क्स लिमिटेड, कोलगेट पामोलिव इंडिया लिमिटेड, डाबर इंडिया लिमिटेड, वीआईपी इंडस्ट्रीज, यूरेका फोर्ब्स, जकुआर, एचयूएल (फूड्स), नेस्ले इंडिया एवं अन्य शामिल थीं। 

उल्‍लेखनीय है कि सीएपीएफ कैंटीनों से सालाना 2,800 करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है। ये कैंटीन लगभग 10 लाख कर्मियों वाले बलों के 50 लाख परिजनों को सामानों की बिक्री करती हैं। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवान आंतरिक सुरक्षा से लेकर सीमा पर रक्षा तक की जिम्‍मेदारियां निभाते हैं। सीएपीएफ में सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, सीआईएसएफ और एसएसबी आते हैं। सीएपीएफ, एनएसजी और एनडीआरएफ केंद्रीय गृह मंत्रालय की कमान के तौर पर काम करते हैं।

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