पड़ोसी देश से निकली नदियों को स्वच्छ बनाने के लिए संयुक्त पहल

पड़ोसी देश नेपाल से निकलीं नदियों के जल को स्वच्छ व अविरल बनाए रखने के लिए भारत व नेपाल के नागरिकों ने संयुक्त पहल की है।

By Srishti VermaEdited By: Publish:Tue, 19 Sep 2017 11:35 AM (IST) Updated:Tue, 19 Sep 2017 11:35 AM (IST)
पड़ोसी देश से निकली नदियों को स्वच्छ बनाने के लिए संयुक्त पहल
पड़ोसी देश से निकली नदियों को स्वच्छ बनाने के लिए संयुक्त पहल

महाराजगंज (विश्वदीपक त्रिपाठी)। सदा नीरा नदियों के किनारे ही सभ्यताएं पली बढ़ीं और मानव जीवन को नया आयाम मिला। जब आधुनिकता के इस दौर में इन नदियों पर संकट खड़ा हुआ तो नदी तट के किनारे बसे लोग इसे बचाने को आगे आए। पड़ोसी देश नेपाल से निकलीं नदियों के जल को स्वच्छ व अविरल बनाए रखने के लिए भारत व नेपाल के नागरिकों ने संयुक्त पहल की है। नेपाल से निकली नारायणी नदी के किनारे बसे दोनों देशों के 30 गांवों के लोगों ने नदी अधिकार अभियान की शुरुआत की है। अभियान के तहत नदियों की साफ- सफाई और दोनों किनारों पर पौधरोपण किया जा रहा है। इनके द्वारा नदियों के किनारे हो रहे अतिक्रमण और अवैध खनन जैसी गतिविधियों के खिलाफ भी आवाज उठाई जा रही है।

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भी अभियान से जुड़े रामवृक्ष गिरी सहित अन्य लोगों ने पहल की है। फैक्ट्रियों का पानी शोधन के बाद ही नदियों में आए, इसके लिए संबंधित अधिकारियों व नेपाली दूतावास को अनुरोध पत्र भी भेजा गया है।

इन गांवों ने उठाया बीड़ा
नदी अधिकार अभियान में भारत के कनमिसवा, गेड़हवा, औरहवा, गोसाइपुर, कटान टोल, सकरदिनही, बढ़या मुस्तकिल, गेड़ियहवा, चरभरिया, डोमा, धोबहा टोला, कलनही, चंदा गुलरभार व नेपाल के सुस्ता, पकलियहवा, कुड़िया, त्रिवेणी, सूरजनगर, रतनगंज, रामपुरवा, प्रतापपुर, सूर्यपूरा, बैदौली, पैकौली, मुजहना, रूपौलिया, सोमनी व जमुनिया गांव के लोग शामिल हैं। अभियान से जुड़े 300 लोग, बना है वाच ग्रुप नदी अधिकार अभियान से जुड़े 300 सदस्य नदियों की स्वच्छता और तटीय क्षेत्रों में हुए अतिक्रमण पर ही ध्यान केंद्रित नहीं करते हैं, बल्कि इनके द्वारा वाच ग्रुप का गठन भी किया गया है। नदियों के जल स्तर के बारे में पल-पल सूचना भी ग्रामीणों को उपलब्ध कराई जाती है। बाल्मीकि नगर बैराज से कब कितना पानी छोड़ा जाएगा इस बारे में भी हर सूचना ग्रामीणों तक अपडेट होती है।

नेपाल से निकलीं सभी नदियां होंगी निर्मल
नदियों को स्वच्छ रखने के पुनीत अभियान में जुड़े रामवृक्ष गिरी, फैजल, उपेंद्र आदि ने कहा कि नदियों में बढ़ रहे
प्रदूषण के चलते उनका अस्तित्व खतरे में हैं। फिलहाल नारायणी नदी को स्वच्छ करने पर ही पूरा फोकस है। भविष्य में नेपाल से आई अन्य नदियों को भी अभियान से जोड़ा जाएगा।

-नदियों को बचाने के लिए आगे आए भारत और नेपाल के 30 गांवों के लोग
-तट पर पौधरोपण और सफाई अभियान चला सुधार का कर रहे प्रयास

नेपाल से निकलीं नदियां व नाले नारायणी नदी राप्ती नदी रोहिन नदी चंदन नदी झरही नदी डांडा नदी सोनिया नाला बघेला नाला महाव नाला

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