मौलाना मसूद अजहर ही था पठानकोट हमले के पीछे का मास्टरमाइंड

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमले की साजिश रचने वाले मास्टरमाइंड का पता लगा लिया है। पाकिस्तान में बैठकर पठानकोट के वायुसेना बेस कैंप को उड़ाने की साजिश रचनेवाला कोई और नहीं बल्कि कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर है।

By Atul GuptaEdited By: Publish:Fri, 08 Jan 2016 12:50 AM (IST) Updated:Fri, 08 Jan 2016 01:13 AM (IST)
मौलाना मसूद अजहर ही था पठानकोट हमले के पीछे का मास्टरमाइंड

नई दिल्ली। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमले की साजिश रचने वाले मास्टरमाइंड का पता लगा लिया है। पाकिस्तान में बैठकर पठानकोट के वायुसेना बेस कैंप को उड़ाने की साजिश रचनेवाला कोई और नहीं बल्कि कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर है।

खूफिया एजेंसियों के मुताबिक 2 जनवरी को मसूद अजहर और उसके भाई राउफ पाकिस्तान में बैठकर फोन पर आतंकियों को पठानकोट एयरबेस उड़ाने के निर्देश दिए थे।

कौन है मौलाना मसूद अजहर?

आपको बता दें कि मौलाना मसूद अजहर वही आतंकी है जिसे छुड़ाने के लिए कंधार विमान हाईजैक की साजिश रची गई थी। आज से करीब 16 साल पहले दिसंबर 1999 को पाकिस्तान के 5 आतंकियों ने काठमांडू से दिल्ली आ रहे इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी 814 को अगवा किया और उसे अफगानिस्तान के कंधार लेकर चले गए थे। हरकत-उल- मुजाहिद्दीन के आतंकियों ने भारत सरकार के सामने 178 यात्रियों की जान के बदले में तीन आतंकियों की रिहाई का सौदा किया था उनमें से एक मौलाना मसूद अजहर भी एक था। उस समय केंद्र की वाजपेयी सरकार ने यात्रियों की जान बचाने के लिए मसूद अजहर समेत तीन आतंकियों को छोड़ने का फैसला किया था।

हमले के लिए बनाया गया था ऑपरेशन सैंटर

जानकारी के मुताबिक हमले को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान के मरकज इलाके में बाकायदा एक ऑपरेशन सैंटर बनाया गया था जहां मौजूद आतंकी मौलाना अशफाक अहमद, हाफिज अब्दुल शकूर, कासिम जान और एमएम अजहर लगातार मसूद अजहर की मदद कर रहे थे ताकि वो एयरबेस में मौजूद आतंकियों को अगले मुवमेंट के बारे में निर्देश दे सके।

अफगानिस्तान का पायलट ट्रेनिंग कैंप था निशाना

सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक एयरबेस में घुसे आतंकी दो ग्रुपों में बटे हुए थे। पहला ग्रुप चार लोगों का जबकि दूसरे ग्रुप में दो आतंकी थे। ये बात भी सामने आई है कि आतंकियों का पहला मकसद पठानकोट एयरबेस में चल रहे अफगानिस्तान के पायलट ट्रेनिंग कैंप को खत्म करना था।

भारत ने पाकिस्तान को सौंपे सबूत

ये भी माना जा रहा कि पाकिस्तान में मौजूद ऑपरेशन सैंटर ने भारतीय नंबर से फोन करके आतंकियों के लिए टैक्सी का भी इंतजाम किया था। आतंकियों के फोन कॉल की डीटेल, उनको पाकिस्तान से फोन पर निर्देश देने वाले आतंकियों के मोबाइल नंबर और आतंकियों के पाकिस्तान से भारत में घुसने जैसे तमाम सबूत भारत ने पाकिस्तान सरकार को सौंपे है।

विदेश सचिव स्तर की बातचीत से पहले कार्रवाई की मांग

पठानकोट हमले को लेकर भारत सरकार ने अपने बयान में कहा है कि 15 जनवरी को दोनों देशों के बीच होने वाली विदेश सचिव स्तर की बातचीत से पहले भारत को उम्मीद है कि पाकिस्तान भारत द्वारा हमले को लेकर साझा की गई खूफिया जानकारी के आधार पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।

उधर सीमा सुरक्षाबल ने आतंकियों की घुसपैठ को लेकर डीआईजी के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन कर दिया है जो सुरक्षा में हुई चूक का पता लगाएगी।

chat bot
आपका साथी