शहीद औरंगजेब के पिता बोले- 72 घंटों में बदला ले सरकार, नहीं तो खुद उठा लूंगा बंदूक

''अगर 72 घंटे के भीतर बेटे के कातिल आतंकवादियों को मौत के घाट नहीं उतारा गया तो मैं खुद ही हथियार उठाकर उनको ढेर करके दम लूंगा।''

By Vikas JangraEdited By: Publish:Fri, 15 Jun 2018 11:18 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jun 2018 03:51 PM (IST)
शहीद औरंगजेब के पिता बोले- 72 घंटों में बदला ले सरकार, नहीं तो खुद उठा लूंगा बंदूक
शहीद औरंगजेब के पिता बोले- 72 घंटों में बदला ले सरकार, नहीं तो खुद उठा लूंगा बंदूक

पुंछ [जागरण संवाददाता]। अगर 72 घंटे के भीतर बेटे के कातिल आतंकवादियों को मौत के घाट नहीं उतारा गया तो मैं खुद ही हथियार उठाकर उनको ढेर करके दम लूंगा। आक्रोश में भरे शहीद जवान औरंगजेब के पिता मुहम्मद लतीफ जो पूर्व सैनिक हैं, ने यह संदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया।

मेंढर तहसील के सेना के जांबाज जवान औरंगजेब को गुरुवार को आतंकवादियों ने पुलवामा में उस समय अगवा कर लिया था जब वह निजी वाहन में सवार होकर अपने घर ईद मनाने के लिए जा रहे थे। आतंकियों ने जवान की निर्मम हत्या कर दी। इस घटना के बाद से ही पूरे क्षेत्र में रोष है।

शहीद के पिता पूर्व सैनिक मुहम्मद लतीफ का कहना है कि यह सरकारें अपनी कुर्सी बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं। मैंने अपना बेटा खोया है जो गया मेरा गया। बाकी किसी का कुछ भी नहीं गया। जो अधिकारी और राजनेता मेरे पास आकर अपनी संवेदना प्रकट कर रहे हैं वे भी एक-दो दिन के बाद आना बंद कर देंगे। मेरा बेटा कभी भी नहीं आएगा, लेकिन जिन आतंकवादियों ने उसे मारा है उनको को जल्द ढेर किया जाए।

उन्होंने कहा कि अगर बेटे के कातिलों को ढेर नहीं किया तो वह खुद हथियार उठाकर उन्हें मारने के लिए निकल जाएंगे। वह पूर्व सैनिक हैं और सभी प्रकार के हथियार चलाना बेहतर ढंग से जानते हैं। बेटे की मौत का बदला लेंगे, क्योंकि यह सरकार संघर्ष विराम करने वाली सरकार है बदला लेने वाली नहीं।

शहीद औरंगजेब का भाई भी सेना में है। वह भी गुरुवार को ही ईद मनाने छुट्टी पर अपने घर आया है। उसका कहना है कि सरकार ड्रामा बंद कर आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। जल्द इंसाफ दिया जाए, राजनीति के बीच आखिर और कितने खून बहेंगे। गांव के लोगों ने आतंकवाद व पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की।

मौसम के कारण नहीं पहुंच पाया पार्थिव शरीर
शहीद औरंगजेब के पार्थिव शरीर को सेना के चॉपर से कश्मीर घाटी से मेंढर लाया जाना था, लेकिन आसमान में धूल के कारण सेना का चॉपर कश्मीर से उड़ान नहीं भर पाया। अब शहीद का पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से लाया जाना है जो शनिवार शाम तक ही मेंढर पहुंचेगा।

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