छत्तीसगढ़ में नक्‍सलियों ने सपा नेता की हत्या कर बीच सड़क पर फेंका शव, चार वाहन फूंके

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने समाजवादी पार्टी के एक नेता की नृशंस हत्या कर दी है। यही नहीं उन्‍होंने वहां सड़क निर्माण में लगे चार वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 19 Jun 2019 01:56 PM (IST) Updated:Wed, 19 Jun 2019 02:38 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में नक्‍सलियों ने सपा नेता की हत्या कर बीच सड़क पर फेंका शव, चार वाहन फूंके
छत्तीसगढ़ में नक्‍सलियों ने सपा नेता की हत्या कर बीच सड़क पर फेंका शव, चार वाहन फूंके

बीजापुर, हिमांशु शर्मा। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात नक्सलियों ने समाजवादी पार्टी के एक नेता की नृशंस हत्या कर दी। हत्या के बाद नक्सलियों ने शव को बीच सड़क पर फेंक दिया और वहां सड़क निर्माण में लगे चार वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। हत्या की खबर लगने पर जब मृतक की पत्नी और भाई घटनास्थल पर पहुंचे तो नक्सलियों ने उन्हें शव नहीं ले जाने दिया।

Chhattisgarh: Samajwadi Party (SP) leader Santosh Punem who was abducted by Naxals yesterday in Bijapur has been found dead today. Santosh had contested the recently concluded assembly elections in Chhattisgarh from Bijapur on SP ticket. pic.twitter.com/psVqqM8h05— ANI (@ANI) June 19, 2019

प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक, बीजापुर जिले में नक्सलियों ने सपा नेता संतोष पुनेम का मंगलवार की शाम अपहरण कर लिया था। रात के वक्त धारदार हथियार से उनकी नृशंस हत्या कर दी। बुधवार की सुबह मरिमल्ला गांव के पास संतोष का शव बीच सड़क पर पड़ा मिला। संतोष पुनेम समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष थे। स्थानीय पुलिस की टीम वारदात स्थल की ओर रवाना हो चुकी है। इससे पहले सपा नेता के शव को लेने पहुंचे परिजनों को नक्सलियों ने बैरंग लौटा दिया था। 

बीजापुर के पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने वारदात की पुष्टि की है।नक्सलियों ने इस वारदात को इलमिडी थानाक्षेत्र के मरिमल्ला गांव के नज़दीक अंजाम दिया। फिलहाल हत्या के कारणों के संबंध में खुलासा नहीं हुआ है। मामले की छानबीन जारी है। बता दें कि दो महीने पहले नक्‍सलियों ने दंतेवाड़ा के कुंआकोंडा ब्लॉक स्थित ग्राम श्याम गिरी में आइईडी ब्लास्ट कर स्थानीय विधायक भीमा मंडावी की हत्या कर दी थी।

उक्‍त घटना में सुरक्षा बल के चार जवान भी शहीद हुए थे। हालांकि, इसके बाद भी घटना के बाद भी भीमा के पूरे परिवार ने बस्तर में पोलिंग बूथ पहुंच कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। घर में मातम का माहौल था, इसके बावजूद लोकतंत्र के पर्व में परिवार के सदस्यों ने अपनी भूमिका निभाई और गम को भुलाकर नक्सलियों को अपने वोट के जरिए मुंहतोड़ जवाब दिया। भीमा के पिता लिंगा राम ने कहा कि जिस दिन वारदात हुई उस दिन घटना से एक घंटे पहले मुझे फोन पर यह धमकी दी गई थी कि तुम्हारा बेटा अब वापस घर नहीं आएगा। 

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