बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने में मध्‍यप्रदेश, बंगाल पिछड़े, इन राज्‍यों का प्रदर्शन बेहतर

बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने को लेकर राज्यों का रुझान मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से डिजिटल एजुकेशन को लेकर जारी रिपोर्ट से सामने आया है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Tue, 28 Jul 2020 10:21 PM (IST) Updated:Tue, 28 Jul 2020 10:21 PM (IST)
बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने में मध्‍यप्रदेश, बंगाल पिछड़े, इन राज्‍यों का प्रदर्शन बेहतर
बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने में मध्‍यप्रदेश, बंगाल पिछड़े, इन राज्‍यों का प्रदर्शन बेहतर

नई दिल्ली, अरविंद पांडेय। कोरोना काल में घर बैठे बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने की मुहिम में केंद्र के साथ ज्यादातर राज्यों का प्रदर्शन भी बेहतर निकलकर सामने आया है। हालांकि, इस मुहिम में मध्यप्रदेश और बंगाल जैसे राज्य पिछड़े रहे हैं, जिनकी ओर से इस दिशा में सबसे कम प्रयास किए गए हैं। वहीं गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, झारखंड जैसे राज्यों का प्रदर्शन बेहतर रहा है। इन राज्यों ने घर बैठे बच्चों को पढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रयास किए।

बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने को लेकर राज्यों का यह रुझान मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से डिजिटल एजुकेशन को लेकर जारी रिपोर्ट से सामने आया है। इसमें 16 अलग-अलग मापदंडों पर राज्यों की ओर से उठाए गए कदमों को परखा गया है। मंत्रालय ने यह जानकारी जून में ही सभी राज्यों व संघ शासित क्षेत्रों से मांगी थी, जिसे अब जारी किया गया है। इस दौरान मंत्रालय ने भी ऑनलाइन शिक्षा को लेकर छेड़ी गई मुहिम में उठाए गए अपने कदमों को भी साझा किया है। साथ ही राज्यों की ओर से इस दिशा में उठाए गए कदमों को लेकर संतोष भी जताया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात और छत्तीसगढ़ राज्य ने इस दिशा में सबसे बेहतर काम किया है, जिन्होंने 16 मापदंडों में से 15 पर काम किया है, जबकि यूपी, झारंखड़ जैसे राज्यों ने इसे लेकर 14 गतिविधियां पर काम किया। उत्तराखंड ने 12 व पंजाब, दिल्ली और बिहार में ऑनलाइन पढ़ाने के 11-11 तरीकों को अपनाया। वहीं, बंगाल ने नौ और मध्य प्रदेश ने सिर्फ सात उपायों पर काम किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च के बाद स्कूलों के बंद होने के बाद बच्चों को घर बैठे ही ऑनलाइन पढ़ाने की जो मुहिम शुरू की गई है, उसे ज्यादातर राज्यों ने अपनाया है।

राज्यों से इन कदमों को आगे भी जारी रखने कहा गया है। वैसे भी देश में कोरोना संक्रमण की जो स्थिति बनी हुई है, उसे देखते हुए स्कूलों का फिलहाल खुलाना अभी मुश्किल लग रहा है। ऐसे में आगे भी ऑनलाइन ही पढ़ाना होगा। रिपोर्ट में आंध्र प्रदेश के टोल फ्री काल और टोल फ्री वीडियो कॉल सेंटर की पहल को सराहा गया है, जिसमें कोई भी छात्र फोन कर अपनी समस्या का समाधान पर सकता है। रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के मोटर स्कूल और झारखंड के रोविंग टीचर मुहिम का भी प्रमुख से जिक्र है।

इन कदमों के आधार पर आकलन

मंत्रालय ने राज्यों की सक्रियता का अंदाजा जिन 16 गतिविधियों के आधार पर किया है, उनमें डिजिटल क्लासरूम, आइसीटी लैब्स, आनलाइन प्रवेश, ई-कंटेंट रिपोजिटरी, ई-बुक्स, आफलाइन बुक्स, टेक्स्ट बुक्स, इंटेरक्टिव रिसोर्स आनलाइन, एजुकेशन टीवी, एजुकेशन रेडियो चैनेल, वेब टीवी चैनेल, ई-लìनग पोर्टल, कम्पयूटर बेस्ड लìनग, मोबाइल एप्लीकेशन, सिविल सोसायटी पार्टनरशिप, डिजिटल इनिसीएटिव फार कॉम्पटेटिव एक्जाम और अन्य गतिविधियां शामिल हैं।

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