अब जवानों के वाहन पर आतंकी नहीं कर सकेंगे आइईडी ब्‍लास्‍ट से हमला, सरकार कर रही ये तैयारी

सीआरपीएफ जैसे बल बारूदी सुरंग संरक्षित वाहन नक्सल प्रभावित इलाकों और जम्मू एवं कश्मीर में सीमित गश्त के लिए इस्तेमाल करते हैं। वाहनों में करीब छह सुरक्षाकर्मी सवार हो सकते हैं।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 06:19 PM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2019 06:19 PM (IST)
अब जवानों के वाहन पर आतंकी नहीं कर सकेंगे आइईडी ब्‍लास्‍ट से हमला, सरकार कर रही ये तैयारी
अब जवानों के वाहन पर आतंकी नहीं कर सकेंगे आइईडी ब्‍लास्‍ट से हमला, सरकार कर रही ये तैयारी

नई दिल्ली, प्रेट्र। जल्दी ही सरकार जम्मू एवं कश्मीर और नक्सल प्रभावित इलाकों में गश्त करने वाले अर्धसैनिक बलों के लिए बारूदी सुरंग संरक्षित वाहन खरीदेगी। इससे एनएसजी में आतंक विरोधी कमांडो को मुठभेड़ वाली जगह पर मदद मिलेगी। मंगलवार को अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

613.96 करोड़ रुपये स्वीकृत खर्च सीआरपीएफ और बीएसएफ जैसे अर्धसैनिक बलों को जारी कर दिए गए हैं। यह राशि अतिरिक्त बारूदी सुरंग संरक्षित वाहनों, बुलेट-प्रूफ जैकेट, एंबुलेंस आदि खरीदने के लिए स्वीकृत की गई है।

खर्च के लिए स्वीकृत 16.84 करोड़ रुपये राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) को जारी किए गए हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि एनएसजी को सात रिमोट संचालित वाहन खरीदने के लिए दिए गए हैं।

सीआरपीएफ जैसे बल बारूदी सुरंग संरक्षित वाहन नक्सल प्रभावित इलाकों और जम्मू एवं कश्मीर में सीमित गश्त के लिए इस्तेमाल करते हैं। ऐसे चार पहिया वाहनों में करीब छह सुरक्षाकर्मी सवार हो सकते हैं। और ऐसे वाहन आ जाने के बाद अर्धसैनिक बलों की क्षमता में वृद्धि हो जाएगी।

नक्सल प्रभावित इलाकों और कश्मीर में आइईडी का मुकाबला किया जा सकेगा। रिमोट संचालित वाहनों से एनएसजी को भवनों, बसों, मेट्रो और रेलवे स्टेशनों के भीतर निगरानी करने में मदद मिलेगी। इसकी मदद से मानवीय हस्तक्षेप के बगैर आइईडी को निष्‍क्रिय किया जा सकेगा।

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