Land For Job Scam: अभ्यर्थी से रिश्वत में राबड़ी की गौशाला के पूर्व कर्मचारी ने ली थी संपत्ति, ED ने लगाया आरोप

नौकरी के बदले जमीन घोटाले की जांच रही ईडी ने आरोप लगाया है कि राजद प्रमुख लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी की गौशाला के एक पूर्व कर्मचारी ने रेलवे में नौकरी के एक अभ्यर्थी से संपत्ति हासिल की थी और बाद में उसे लालू की पुत्री हेमा यादव को स्थानांतरित कर दिया था।ईडी ने इस महीने की शुरुआत में दिल्ली की अदालत में एक आरोप पत्र दाखिल किया था।

By AgencyEdited By: Sonu Gupta Publish:Tue, 30 Jan 2024 03:00 AM (IST) Updated:Tue, 30 Jan 2024 03:00 AM (IST)
Land For Job Scam: अभ्यर्थी से रिश्वत में राबड़ी की गौशाला के पूर्व कर्मचारी ने ली थी संपत्ति, ED ने लगाया आरोप
अभ्यर्थी से रिश्वत में राबड़ी की गौशाला के पूर्व कर्मचारी ने ली थी संपत्तिः ED

HighLights

  • नौकरी के बदले जमीन घोटाले में ईडी ने लगाया आरोप
  • बाद में इसे लालू की पुत्री को कर दिया गया था हस्तांतरितः ईडी

पीटीआई, नई दिल्ली। नौकरी के बदले जमीन घोटाले की जांच रही ईडी ने आरोप लगाया है कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी की गौशाला के एक पूर्व कर्मचारी ने रेलवे में नौकरी के एक अभ्यर्थी से संपत्ति हासिल की थी और बाद में उसे लालू की पुत्री हेमा यादव को स्थानांतरित कर दिया था।

ईडी ने इन लोगों को बनाया था आरोपी

ईडी ने इस महीने की शुरुआत में दिल्ली की अदालत में एक आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें कुछ अन्य लोगों के साथ लालू के परिवार के सदस्यों राबड़ी देवी एवं उनकी पुत्रियों मीसा भारती व हेमा यादव को आरोपित बनाया गया था।

आरोप पत्र में ईडी ने लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के कथित करीबी सहयोगी अमित कात्याल, घोटाले के कथित लाभार्थी और पूर्व गौशाला कर्मचारी हृदयानंद चौधरी तथा दो कंपनियों- एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी एक्सपो‌र्ट्स प्राइवेट लिमिटेड- को उनके साझा निदेशक शारीकुल बारी के माध्यम से नामजद किया गया था।

कोर्ट ने जारी किया था नोटिस

दिल्ली की अदालत ने पिछले हफ्ते आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और आरोपितों को प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत उनके विरुद्ध मुकदमा शुरू करने के लिए नौ फरवरी को उसके सामने पेश होने के लिए नोटिस जारी किया था। कात्याल को ईडी ने पिछले वर्ष नवंबर में मनी लांड्रिंग में लालू प्रसाद और उनके परिवार की जानबूझकर सहायता करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद है।

ग्रुप-डी के पदों पर नियुक्तियों में लालू यादव ने किया था भ्रष्टाचारः ईडी

ईडी की जांच इस आरोप से संबंधित है कि लालू प्रसाद ने केंद्र में संप्रग-1 सरकार में रेल मंत्री रहते हुए 2004-2009 के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप-डी के पदों पर नियुक्तियों में भ्रष्टाचार किया था। ईडी ने एक बयान में कहा कि सीबीआइ की प्राथमिकी और आरोप पत्र के अनुसार, अभ्यर्थियों को रेलवे में नौकरी के बदले रिश्वत के रूप में भूमि हस्तांतरित करने के लिए कहा गया था। मनी लांड्रिंग का यह मामला सीबीआइ की शिकायत पर आधारित है।

अभ्यर्थियों के परिवारों से प्राप्त हुए थे भूखंड

ईडी ने कहा कि लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों- राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव- जिन्हें अभियोजन की शिकायत में आरोपित बनाया गया था, उन्हें अभ्यर्थियों (जिनका चयन रेलवे में ग्रुप-डी के पदों पर किया गया था) के परिवारों से नाममात्र की राशि के बदले भूखंड प्राप्त हुए थे।

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ईडी ने क्या कहा?

ईडी ने कहा कि एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी एक्सपो‌र्ट्स प्राइवेट लिमिटेड मुखौटा कंपनियां थीं, जिन्हें लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों के लिए अपराध की आय प्राप्त हुई थी। साथ ही कहा कि उक्त कंपनियों में अचल संपत्तियां 'फ्रंट मैन' द्वारा अर्जित की गई थीं। बाद में नाममात्र की राशि के बदले इनके शेयर लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित कर दिए गए। लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के लिए कात्याल इन कंपनियों का प्रबंधन संभालता था।

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