इन राज्‍यों में जानें से पहले जान लें किन चीजों की पड़ सकती है जरूरत, कोरोना संक्रमण के चलते है जरूरी

कोरोना संक्रमण की वजह से देश के लगभग सभी राज्‍यों ने कुछ नियम तय किए हुए हैं। इसमें राज्‍यों में बाहरी राज्‍यों से आने वाले यात्रियों के लिए आरटीपीसीआर टेस्‍ट की नेगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य बनाना और पॉजिटिव होने पर क्‍वारंटाइन करना भी शामिल है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Tue, 16 Nov 2021 11:14 AM (IST) Updated:Tue, 16 Nov 2021 03:41 PM (IST)
इन राज्‍यों में जानें से पहले जान लें किन चीजों की पड़ सकती है जरूरत, कोरोना संक्रमण के चलते है जरूरी
कोरोना संक्रमण को देखते हुए हर राज्‍य के हैं अलग नियम

नई दिल्‍ली (जेएनएन)। देश में कोरोना संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं, लेकिन कोई भी राज्‍य किसी तरह की कौताही बरतना नहीं चाहता है। यही वजह है कि विभिन्‍न राज्‍यों में दूसरे राज्‍यों से आने वाले यात्रियों के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। सभी राज्‍यों ने आरोग्‍य सेतु ऐप को अनिवार्य बनाया हुआ है। इसी तरह से ऐसे यात्री, जो पूरी तरह से वैक्‍सीनेट हो चुके हैं और उन्‍हें 15 दिन हो गए हैं उन्‍हें आवाजाही की छूट दी गई है। 

अंडमान निकोबार द्वीप समूह :- यहां पर बाहरी राज्‍यों से आने वाले सभी यात्रियों की थर्मल स्‍क्रीनिंग होगी। इसके अलावा यहां पर आने वाले हर यात्री को 48 घंटों के अंदर करवाई गई कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट को दिखाना जरूरी होगी। हवाई सफर के लिए भी ये जरूरी होगा। हालांकि, इसके बाद भी सभी यात्रियों का हवाई अड्डे पर मुफ्त आरटीपीसीआर टेस्‍ट करवाना अनिवार्य होगा। टेस्‍ट में पॉजिटिव पाए जाने पर उन्‍हें क्‍वारंटाइन किया जाएगा और इलाज के लिए अस्‍पताल भेजा जाएगा। जिनके पास में पूरी तरह से वैक्‍सीनेट होने का सर्टिफिकेट होगा उन्‍हें इन दोनों प्रक्रियाओं से छूट दी जाएगी। यात्रियों को आरोग्‍य सेतु ऐप भी जरूर रखना होगा। जिस किसी के पास कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट नहीं होगी उसको अगली फ्लाइट से वापस भेज दिया जाएगा।

आंध्र प्रदेश :- बाहरी राज्‍यों से आने वालों की थर्मल स्‍क्रीनिंग की जाएगी। यात्रियों के फोन में आरोग्‍य सेतु ऐप का होना अनिवार्य होगा। विदेशों से आने वाले यात्रियों के लिए अलग से गाइडलाइंस जारी की गई हैं।

बिहार में आने वालों का रेंडमली आरएटी टेस्‍ट करवाया जाएगा। हालांकि, दरभंगा में मुंबई, चेन्‍नई से आने वाले यात्रियों को यहां आने पर नेगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखानी होगी। ये रिपोर्ट 72 घंटों के बीच की होनी जरूरी है। ऐसा न करने पर यात्री को वापस भेजा जा सकता है।

चंडीगढ़ आने वालों के लिए भी आरटीपीसीआर टेस्‍ट की नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है। हालांकि, 10 वर्ष तक के बच्‍चों के लिए इसमें छूट दी गई है। यहां पर आने वाले सभी यात्रियों को पंजाब सरकार के कोवा ऐप पर खुद को रजिस्‍टर्ड भी करना होगा।

दिल्‍ली आने वाले यात्रियों का रेंडम सैंपल लिया जाएगा। हवाई सफर करने वालों को सैंपल लेने के बाद जाने दिया जाएगा। टेस्‍ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्‍हें दस दिन के लिए अस्‍पताल में भर्ती करवाया जाएगा। विदेशों से आने वाले यात्रियों के लिए अलग से गाइडलाइन जारी की गई है।

गोवा जाने वालों को आरटीपीसीआर, ट्रू नेट/सीबीएनएएटी/रेपिड एंटीजन टेस्‍ट की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। ये रिपोर्ट 72 घंटों के लिए मान्‍य होगी। ऐसा न करने वालों को राज्‍य में आने की मनाही होगी। यहां पर आने वाले ऐसे यात्री, जिन्‍हें कोविड वैक्‍सीन की दोनों खुराक मिल चुकी हैं और 15 दिन बीत चुके हैं उन्‍हें इस प्रक्रिया से छूट होगी। केरल से आने वालों को 72 घंटों के अंदर करवाई गई आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी अनिवार्य होगी। बाहरी राज्‍यों से आने वाले छात्रों और कर्मचारियों को पांच दिन के लिए अनिवार्य तौर पर क्‍वारंटाइन रहना होगा।

गुजरात आने वाले ऐस यात्री, जिन्‍हें कोविड-19 के लक्षण दिखाई देते हैं उनको अपने खर्च पर आरटीपीसीआर टेस्‍ट करवाना अनिवार्य होगा। केरल, महाराष्‍ट्र से अहमदाबाद आने वालों को आरटीपीसीआर टेस्‍ट की 72 घंटों के अंदर करवाई गई आरटीपीसीआर टेस्‍ट की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी जरूरी होगी। सूरत में जाने वालों को भी ये रिपोर्ट दिखानी अनिवार्य होगी। 12 वर्ष से कम उम्र के बच्‍चों पर ये मान्‍य नहीं होगा।

जम्‍मू-कश्‍मीर जाने वाले यात्रियों के लिए 72 घंटे के अंदर करवाई गई आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी जरूरी होगी। ऐसा न करने पर यात्री का आरटीपीसीआर टेस्‍ट करवाया जाएगा। सुरक्षाकर्मियों को इससे छूट दी गई है।

लद्दाख जाने वाले यात्रियों को 96 घंटों के अंदर करवाई गई आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। ऐसा न करने पर उन्‍हें सात दिनों के लिए क्‍वारंटाइन किया जाएगा। पॉजिटिव आने पर उन्‍हें क्‍वारंटीन या अस्‍पताल में भर्ती करवाया जाएगा। 15 दिन पहले पूरी तरह से वैक्‍सीनेट हो चुके यात्रियों को इस प्रक्रिया से छूट होगी। सुरक्षाकर्मियों को इससे छूट होगी।

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