सरकारी स्कूलों में भी केजी की पढ़ाई

अप्रैल से हो रही पढ़ाई, अब सरकार ने दी स्वीकृति..साढ़े चार वर्ष से अधिक आयु के चार लाख बच्चों को लाभ

By Srishti VermaEdited By: Publish:Wed, 19 Jul 2017 09:16 AM (IST) Updated:Wed, 19 Jul 2017 09:16 AM (IST)
सरकारी स्कूलों में भी केजी की पढ़ाई
सरकारी स्कूलों में भी केजी की पढ़ाई

राज्य ब्यूरो (रांची)। राज्य सरकार ने प्राथमिक स्कूलों में केजी (पहली कक्षा से पूर्व की एक साल की पढ़ाई) की पढ़ाई की स्वीकृति दे दी है। राज्य सरकार ने इसका नाम शिशु सदन दिया है। हालांकि स्कूलों में केजी की पढ़ाई इस साल अप्रैल से ही शुरू कर दी गई है लेकिन राज्य मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को इस योजना पर स्वीकृति प्रदान की। अब इस योजना के तहत अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी। अभी तक बच्चों के मिड डे मील, निश्शुल्क पाठ्य पुस्तक, पोशाक आदि को लेकर शिक्षकों में संशय था।

दैनिक जागरण ने 18 जून के अंक में ‘बिना तैयारी शुरू कर दी केजी की पढ़ाई’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर इस मामले को उठाया था, जिसके बाद सरकार ने कैबिनेट की स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी की। प्राथमिक स्कूलों में वर्तमान में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों की पढ़ाई होती है। पांच वर्ष से अधिक एवं छह वर्ष के बच्चों का नामांकन पहली कक्षा में होता है। अब साढ़े चार साल से अधिक आयु के बच्चों का नामांकन केजी में होगा। आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ाई कर रहे साढ़े चार वर्ष से अधिक आयु के बच्चे भी अब सरकारी स्कूलों में केजी में नामांकित होंगे।

केजी में पढ़ाई करनेवाले बच्चों को मिड डे मील, पूरक आहार के रूप में अंडा या फल, निश्शुल्क पाठ्य-पुस्तक, पोशाक, बैग, जूता-मोजा, स्कूल किट के अलावा सर्व शिक्षा अभियान के तहत सभी लाभ मिलेंगे। राज्य में चार वर्ष से अधिक एवं छह वर्ष के कम आयु के बच्चों की संख्या लगभग 4 लाख 97 हजार है। इनमें लगभग चार लाख
बच्चे केजी में नामांकित होंगे। बता दें कि निश्शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम में प्राथमिक पूर्व कक्षा का प्रावधान किया गया है। वहीं 12वीं पंचवर्षीय योजना की कार्यनीति में भी इसपर जोर दिया गया था।

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