Life Mission Scam : केरल हाई कोर्ट की मंजूरी, लाइफ मिशन घोटाले में जारी रहेगी सीबीआइ जांच
केरल हाई कोर्ट ने कोच्चि के कॉरपोरेट ग्रुप यूनिटाक के सीईओ संतोष ईयप्पन की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें एफसीआरए की अनियमितताओं के तहत लाइफ मिशन के खिलाफ सीबीआइ की एफआइआर को खारिज करने की मांग की गई थी।
तिरुअनंतपुरम, एजेंसियां। केरल हाई कोर्ट ने लाइफ मिशन घोटाले की जांच जारी रखने की अनुमति केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को दे दी है। इस घोटाले की जांच पर लगाए स्थगन आदेश को हटा दिया है। साथ ही केरल सरकार की इस घोटाले से जुड़ी अपील को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि घोटाले में शामिल सरकार के बड़े अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ सीबीआइ की जांच जारी रहेगी।
केरल हाई कोर्ट ने कोच्चि के कॉरपोरेट ग्रुप यूनिटाक के सीईओ संतोष ईयप्पन की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें एफसीआरए की अनियमितताओं के तहत लाइफ मिशन के खिलाफ सीबीआइ की एफआइआर को खारिज करने की मांग की गई थी। वर्ष 2018 की बाढ़ में अपना घर खोनेवाले गरीबों को घर दिलवाने वाली केरल सरकार की महत्वाकांक्षी योजना लाइफ मिशन में राज्य सरकार की ओर से काम करने वाली निजी कंपनी यूनिटाक ने निर्माण कार्य कराया। लेकिन उसे यह ठेका किसी नीलामी में नहीं मिला।
दस फीसद धनराशि स्वप्ना सुरेश व दूसरे आरोपित को दी गई : सीबीआइ
सीबीआइ के वकील शस्तमंगलम अजीत कुमार ने बताया कि सहमति पत्र का मसौदा भी उपयुक्त नहीं था। इस प्रोजेक्ट के तहत 97 रिहाइशी इमारतें और एक स्वास्थ्य केंद्र बनना था। सीबीआइ का कहना है कि सोने की तस्करी के मामले में आरोपित स्वप्ना सुरेश और एक और ने यूनिटाक से बातचीत की और इस परियोजना की लागत की तीस फीसद की रकम को बतौर रिश्वत लिया। इसमें से बीस फीसद रकम यूएई के अधिकारी और दस फीसद धनराशि स्वप्ना सुरेश व दूसरे आरोपित को दी गई।