केरल के मंदिर में पहली बार एसटी बनेगा पुजारी, त्रावणकोर देवासम बोर्ड ने पार्ट टाइम पुजारी के पद पर किया चयन

त्रावणकोर देवासम बोर्ड के इतिहास में पहली पर उसके किसी मंदिर में अनुसूचित जनजाति का कोई व्यक्ति पुजारी बनने जा रहा है। मालूम हो कि त्रावणकोर देवासम बोर्ड प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर समेत 1200 से अधिक मंदिरों का प्रबंधन करता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 06 Nov 2020 09:56 PM (IST) Updated:Fri, 06 Nov 2020 09:56 PM (IST)
केरल के मंदिर में पहली बार एसटी बनेगा पुजारी, त्रावणकोर देवासम बोर्ड ने पार्ट टाइम पुजारी के पद पर किया चयन
केरल में त्रावणकोर देवासम बोर्ड ने पहली बार अनुसूचित जनजाति (एसटी) के किसी सख्‍स को पुजारी नियुक्‍त किया है।

तिरुअनंतपुरम, पीटीआइ। केरल में त्रावणकोर देवासम बोर्ड (टीडीबी) के इतिहास में पहली पर उसके किसी मंदिर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का कोई व्यक्ति पुजारी बनेगा। टीडीबी केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला भगवान अयप्पा मंदिर समेत 1,200 से अधिक मंदिरों का प्रबंधन करता है। केरल में वामदल सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान राज्य के विभिन्न मंदिरों में कुल 133 गैर-ब्राह्मण पुजारी नियुक्त किए गए हैं।

टीडीबी ने अपने मंदिरों के लिए पार्ट टाइम आधार पर 19 पुजारियों को नियुक्त करने का फैसला किया है। इनमें से 18 अनुसूचित जाति (एससी)के और एक अनुसूचित जनजाति (एसटी) का पुजारी है। टीडीबी एक शीर्ष स्वायत्त संस्था है। राज्य के देवासम मंत्री के. सुरेंद्रन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, 'यह पहली बार है कि टीडीबी अपने मंदिरों के लिए किसी अनुसूचित जनजाति के पुजारी को नियुक्त कर रहा है।'

उन्होंने कहा कि विशेष भर्ती के तहत इस समुदाय के लोगों को पार्ट टाइम पुजारी के रूप में नियुक्त किया जाता है। सुरेंद्रन ने कहा कि 2017 में प्रकाशित रैंक लिस्ट से अब तक त्रावणकोर देवासम बोर्ड के मंदिरों में पार्ट टाइम पुजारी के लिए 310 लोगों का चयन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि उस समय पुजारियों के विभिन्न पदों के लिए कराई गई परीक्षा में एससी और एसटी समुदाय के अयोग्य अभ्यर्थी नहीं मिले थे।

इसके बाद विशेष अधिसूचना जारी कर इनके लिए अलग रैंक लिस्ट तैयार बनाई, जिसका प्रकाशन पांच नवंबर को हुआ। उन्होंने कहा कि एसटी समुदाय के पुजारी के लिए चार पद खाली थे, लेकिन सिर्फ एक ही आवेदन मिला था। मंत्री ने कहा कि राज्य में वामदल की सरकार बनने के बाद मंदिरों में नियुक्ति करने वाले भर्ती बोर्ड का पुनर्गठन किया गया था। इसके बाद त्रावणकोर, कोच्चि और मालाबार देवासम बोर्ड में अलग-अलग पदों के लिए कुल 815 लोगों का चयन हो चुका है। 

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