जस्टिस गोयल ने बताया, SC/ST एक्ट पर फैसला सुनाते वक्त दिमाग में क्या चल रहा था

सेवानिवृत्ति समारोह में उन्होंने कहा कि एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर फैसला दिया तो इमरजेंसी उनके दिमाग में थी।

By Manish NegiEdited By: Publish:Fri, 06 Jul 2018 10:58 PM (IST) Updated:Fri, 06 Jul 2018 10:58 PM (IST)
जस्टिस गोयल ने बताया, SC/ST एक्ट पर फैसला सुनाते वक्त दिमाग में क्या चल रहा था
जस्टिस गोयल ने बताया, SC/ST एक्ट पर फैसला सुनाते वक्त दिमाग में क्या चल रहा था

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा के पहले जज जस्टिस आदर्श कुमार गोयल शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो गए। तत्काल तीन तलाक व एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग जैसे मामलों पर उन्होंने अहम फैसले दिए थे। सेवानिवृत्ति समारोह में उन्होंने कहा कि एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर फैसला दिया तो इमरजेंसी उनके दिमाग में थी। उस दौरान नागरिक अधिकारों को जिस तरह से कुचला गया, उसे ध्यान करके निर्णय दिया जिससे किसी का शोषण न हो।

गुरुवार को ही उन्होंने ओडिशा स्थित पुरी जगन्नाथ मंदिर को लेकर ऐतिहासिक फैसला दिया था, जिसमें कहा गया था कि हर धर्म के व्यक्ति को दर्शन का अधिकार है। यही नहीं उन्होंने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि देश भर में स्थित धार्मिक संस्थानों में श्रद्धालुओं को शोषण को रोकने के लिए कदम उठाए जाएं। ये उनका फैसला ही था, जिसमें क्राइम सीन की वीडियोग्राफी कराने को कहा गया था। उन्होंने ही यह कहकर कोर्ट रूम में सीसीटीवी कैमरे लगाने को मंजूरी दी थी कि यहां कुछ भी निजी नहीं होता है।

अलबत्ता, उन्हें हमेशा याद किया जाएगा तत्काल तीन तलाक पर दिए अहम फैसले के चलते। एक जानकार बताते हैं कि तत्काल तीन तलाक के मामले में विचार करने का फैसला उनकी बेंच ने ही किया था। तब वह हिंदू विवाह अधिनियम से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहे थे। उसी दौरान तत्काल तीन तलाक पर भी विचार का फैसला हुआ। उस समय इस पर काफी तीखी प्रतिक्रिया भी हुई थी। उस दौरान लगता था कि मुस्लिम विवाह प्रक्रिया के मामले में कोर्ट का दखल देना ठीक नहीं। उनका जन्म 7 जुलाई 1953 को हरियाणा के हिसार में हुआ था। पंजाब विवि से उन्होंने एलएलएम की थी। सुप्रीम कोर्ट में उनका कार्यकाल चार साल का रहा।

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