साधु के घर पहुंचे जीतन राम मांझी, बढ़ा विवाद

बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी जेडीयू के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है। मांझी का लालू यादव के साले साधु यादव के घर जाकर चूड़ा दही खाना उनकी पार्टी को पसंद नहीं आया है। जेडीयू के प्रवक्ता नीरज ने कहा है कि 'सुशासन' के एजेंडे से

By Murari sharanEdited By: Publish:Sat, 17 Jan 2015 03:33 PM (IST) Updated:Sat, 17 Jan 2015 04:34 PM (IST)
साधु के घर पहुंचे जीतन राम मांझी, बढ़ा विवाद

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी जेडीयू के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है। मांझी का लालू यादव के साले साधु यादव के घर जाकर चूड़ा दही खाना उनकी पार्टी को पसंद नहीं आया है। जेडीयू के प्रवक्ता नीरज ने कहा है कि 'सुशासन' के एजेंडे से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नीरज ने साधु यादव का नाम लिए बिना कहा कि जिन लोगों से दिन में भी आम आदमी मिलने से डरता है, उसके यहां मुख्यमंत्री का जाना सही नहीं है।

नीरज ने साधु यादव से मांझी की मुलाकात को 'सुशासन' के खिलाफ बताया। नीरज के मुताबिक मांझी का काम सुशासन पर ध्यान देना है, राजनीतिक प्रबंधन करना नहीं। सूत्रों के मुताबिक लालू यादव ने भी मांझी को समझाने की कोशिश की है कि वे नीतीश या जेडीयू को उकसाने वाले फैसले न लें। पिछले कुछ समय से लालू और साधु के बीच रिश्ते अच्छे नहीं बताए जाते हैं।

जेडीयू के सूत्र बता चुके हैं कि नीतीश मांझी को सीएम की कुर्सी से हटाना चाहते हैं। जीतन राम मांझी के भविष्य को लेकर 18 जनवरी को जेडीयू कोई बड़ा फैसला ले सकती है। इसी दिन नीतीश और लालू एक सभा में मंच साझा करेंगे।

ऐसी भी सूचना है कि आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार और बिहार के मुख्यमंत्री मांझी के बीच मध्यस्थता की। सूत्रों का कहना है कि लालू ने जीतन राम मांझी को समझाया कि नीतीश ने ही उन्हें सीएम बनाया है, लिहाजा वह उन्हें उकसाने वाले फैसले न करें। लालू ने मांझी से यह बात गुरुवार देर शाम पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घर पर हुई बैठक में कही।

इस दौरान लालू, मांझी के अलावा नीतीश कुमार और शरद यादव भी मौजूद थे। हालांकि, बैठक के बाद लालू ने मीडिया से कहा कि बैठक में केवल जनता परिवार के प्रस्तावित विलय को लेकर बात हुई।

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