झीरम घाटी कांड- NIA Act को चुनौती देने अब कांग्रेस पहुंची हाई कोर्ट, सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट

एनआइए एक्ट की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका को हाई कोर्ट ने पहले ही खारिज कर दिया है।झीरम घाटी कांड

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 04 Feb 2020 09:09 PM (IST) Updated:Tue, 04 Feb 2020 09:09 PM (IST)
झीरम घाटी कांड- NIA Act को चुनौती देने अब कांग्रेस पहुंची हाई कोर्ट, सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट
झीरम घाटी कांड- NIA Act को चुनौती देने अब कांग्रेस पहुंची हाई कोर्ट, सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट

बिलासपुर, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) एक्ट को छत्तीसगढ़ शासन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव डॉ. विवेक वाजपेयी और दौलत रोहरा ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में भी एनआइए एक्ट को चुनौती देते हुए याचिका दायर की।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने पूछा अपील का स्टेटस

मंगलवार को इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच में हुई। चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन ने याचिकाकर्ता के वकीलों से पूछा कि राज्य शासन की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगी हुई है, वहां की सुनवाई के बारे में कोर्ट को जानकारी उपलब्ध कराएं।

एनआइए ने झीरम घाटी कांड की जांच सही नहीं की

याचिकाकर्ता के वकील सुदीप श्रीवास्तव ने मंगलवार को डिवीजन बेंच के समक्ष अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि एनआइए एक्ट को संवैधानिक मान भी लिया जाए तब भी अधिकारियों ने झीरम घाटी कांड की जांच सही नहीं की है। बड़े षड्यंत्र के बिंदु को जांच में शामिल ही नहीं किया।

झीरम घाटी नरसंहार- एनआइए पुलिस को दस्तावेज देने को तैयार नहीं

श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि सीबीआइ ने पहले ही इस कांड की जांच से इन्कार कर दिया है। राज्य शासन द्वारा लगातार झीरम घाटी नरसंहार की जांच पुलिस से कराने के लिए एनआइए से दस्तावेज मांग रही है। अचरज की बात ये है कि एनआइए तैयार ही नहीं है।

एनआइए एक्ट की संवैधानिकता को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार पहले ही जा चुकी है सुप्रीम कोर्ट

वकील की दलील के बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि एनआइए एक्ट की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली राज्य शासन की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगी हुई है। याचिकाकर्ता के वकीलों से पूछा कि सुप्रीम कोर्ट में किन-किन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सुनवाई शुरू हुई है।

हाई कोर्ट में पांच मार्च को होगी एनआइए एक्ट की संवैधानिकता की चुनौती पर सुनवाई

याचिकाकर्ता के वकील सुदीप ने चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच से आग्रह किया कि एनआइए एक्ट के संवैधानिक पहलुओं को सामने रखकर सुनवाई प्रारंभ करें। डिवीजन बेंच ने अगली सुनवाई के लिए पांच मार्च की तिथि तय की है।

सिंगल और डिवीजन बेंच से सरकार को मिला है झटका

एनआइए एक्ट की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका को हाई कोर्ट ने पहले ही खारिज कर दिया है। राज्य शासन की ओर से एक्ट को चुनौती देते हुए झीरम घाटी हत्याकांड की जांच स्थानीय पुलिस से कराने और केस डायरी एनआइए से वापस दिलाने की मांग को लेकर पहले सिंगल बेंच में याचिका दायर की थी। सिंगल बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद शासन की ओर से सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच में याचिका पेश की थी। डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया था। अब राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेश की गई है। 

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