सांसद आदर्श ग्राम की तर्ज पर जल ग्राम योजना

सरकार सांसद आदर्श ग्राम योजना की तर्ज पर जल ग्राम योजना शुरू करने जा रही है। योजना के तहत हर जिले में एक गांव का चयन कर वहां पानी की समस्या को जड़ से खत्म किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस योजना की शुरुआत जल्द ही होगी।

By Murari sharanEdited By: Publish:Sat, 22 Nov 2014 09:09 PM (IST) Updated:Sat, 22 Nov 2014 10:01 PM (IST)
सांसद आदर्श ग्राम की तर्ज पर जल ग्राम योजना

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सरकार सांसद आदर्श ग्राम योजना की तर्ज पर जल ग्राम योजना शुरू करने जा रही है। योजना के तहत हर जिले में एक गांव का चयन कर वहां पानी की समस्या को जड़ से खत्म किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस योजना की शुरुआत जल्द ही होगी।

केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने शनिवार को यहां तीन दिवसीय जल मंथन कार्यक्रम के समापन के मौके पर इस योजना की घोषणा की। भारती ने कहा कि योजना के तहत प्रत्येक जिले एक ऐसे गांव का चयन किया जाएगा जहां पानी का अभाव है। योजना का मकसद हर घर तक पीने का पानी और हर खेत को सिंचाई की सुविधा पहुंचाना है।

जल वर्ष के रूप में मनेगा 2015-16

उमा के मुताबिक योजना को लागू करने के लिए वह जल्द ही सांसदों, विधायकों, जिला पंचायत के प्रतिनिधियों को पत्र लिखेंगी। साथ ही इस योजना को लागू करने के लिए पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्रालय की भी मदद लेंगी। वर्ष 2015-16 को जल वर्ष मनाने की घोषणा करते हुए भारती ने कहा कि अगले साल जो जल सप्ताह मनाया जाएगा उसका विषय हमारा जिला, हमारा जल होगा। इसके माध्यम से जल संरक्षण का संदेश जमीनी स्तर पर गांव-गांव तक पहुंचाया जा सकेगा।

गंगा एक्शन प्लान में तीन हजार करोड़ खर्च

गंगा को निर्मल बनाने के लिए अब तक हुए खर्च की चर्चा करते हुए भारती ने कहा कि गंगा एक्शन प्लान-एक और गंगा एक्शन प्लान-दो में कुल मिलाकर तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च नहीं हुआ है। भारती ने कहा कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की कई योजनाओं में राज्यों ने बदलाव की मांग की है। इसलिए राज्यों के सुझावों के अनुरूप में उनमें बदलाव किया जा रहा है। जिन योजनाओं में बदलाव का प्रस्ताव है उनमें त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआइबीपी), बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम, जल प्रबंधन और संरक्षण के कार्यक्रम शामिल हैं।

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