भारत एक दिन सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनेगा : जयशंकर

जयशंकर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बता चुके हैं कि आर्थिक साझेदारी के समझौते में भारत ने बहुत गंभीरता से शिरकत की।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Fri, 29 Nov 2019 09:44 AM (IST) Updated:Fri, 29 Nov 2019 09:44 AM (IST)
भारत एक दिन सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनेगा : जयशंकर
भारत एक दिन सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनेगा : जयशंकर

नई दिल्ली, प्रेट्र। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विश्वास जताया कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का एक दिन स्थाई सदस्य बन जाएगा। इस दिशा में देश कदम दर कदम आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि स्थाई सदस्यता के लिए लंबी अवधि और धीरज भरे प्रयास की आवश्यकता होती है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने गुरुवार को उच्च सदन को बताया कि मुझे जल्द ऐसा होने की उम्मीद है। हम इसके लिए अपने प्रयास, धैर्य और प्रेरणा में कहीं भी कम नहीं हैं। यह हमें एक दिन मिलना ही है। मुझे पूरा विश्वास है। उन्होंने यह जवाब अन्नाद्रमुक की विजिला सत्यानंत के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।

उन्होंने राज्यसभा को यह भी बताया कि रीजनल काम्पि्रहेंसिव इकोनामिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) समझौते से उसके मौजूदा स्वरूप के चलते संबद्ध नहीं हो सका। चूंकि इसमें देश के लिए अहम मुद्दों और चिंताओं पर गौर नहीं किया गया था। इसके बावजूद सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के छह महीनों में पड़ोसी देशों के साथ ही खाड़ी, दक्षिण पूर्वी एशिया और अफ्रीकी देशों से संबंध प्रगाढ़ कर लिए हैं।

जयशंकर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बता चुके हैं कि आर्थिक साझेदारी के समझौते में भारत ने बहुत गंभीरता से शिरकत की। लेकिन खुद को इससे जोड़ नहीं सके। सरकार ऐसे सभी समझौतों में अपने हितों के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसलिए भारत ने आर्थिक साझेदारी के इस समझौते से किनारा कर लिया। इसमें आसियान देशों समेत ब्रुनेइ, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलीपींस, लाओस और वियतनाम के अलावा छह एफटीए साझेदार-भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं।

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