कुमार से उठा 'विश्वास' बताए जा रहे गद्दार, महल के 'षड्यंत्रकारी' कौन?

प्रोफेसर आनंद ने बताया कि आम आदमी पार्टी को फिलहाल कुमार विश्वास की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि अगले 2 साल तक कोई चुनाव नहीं होना है।

By Digpal SinghEdited By: Publish:Sat, 24 Jun 2017 04:59 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jun 2017 05:52 PM (IST)
कुमार से उठा 'विश्वास' बताए जा रहे गद्दार, महल के 'षड्यंत्रकारी' कौन?
कुमार से उठा 'विश्वास' बताए जा रहे गद्दार, महल के 'षड्यंत्रकारी' कौन?

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। आम आदमी पार्टी के अंदर कुमार पर 'विश्वास' दरकने की शुरुआत तो करीब दो महीने पहले ही हो गई थी। लेकिन अब यह दरार और भी बड़ी होती जा रही है। दिल्ली में राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव व एमसीडी चुनाव में पार्टी की हार के बाद 'आप' में सिर फुटौव्वल अब भी जारी है। पार्टी में जारी तनातनी के बीच 2 मई को कुमार विश्वास ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के आसपास की मंडली पर आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ने की धमकी दे दी थी। हालांकि बाद में मामले को सुलटा लिया गया था। लेकिन यह मामला अंदर ही अंदर अब भी सुलग रहा है। अटकलें तो कुमार विश्वास को पार्टी से बाहर किए जाने तक की हैं।

Jagran.Com ने इस मामले में पूर्व आप नेता और प्रोफेसर आनंद कुमार से विशेष बातचीत की। उन्होंने बताया कि कुर्सी के मामले में कुमार विश्वास सिद्धांतहीन हैं। कुमार विश्वास की अध्यक्षता में ही प्रशांत भूषण व योगेंद्र यादव सहित कई लोगों को पार्टी से बाहर निकाला गया था। अब कुमार विश्वास राज्यसभा सांसद बनने का सपना देख रहे हैं, इसलिए यह सारी चीजें हो रही हैं। इसी तरह की कुछ बात योगेंद्र यादव ने भी Jagran.Com से कही थी, जब विश्वास ने पार्टी में एक चौकड़ी पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए करीब दो महीने पहले पार्टी छोड़ने की बात कही थी। योगेंद्र ने बताया था कि उन्हें निकाले जाने में उस चौकड़ी में कुमार ही सबसे आगे थे।

प्रोफेसर आनंद ने बताया कि आम आदमी पार्टी को फिलहाल कुमार विश्वास की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि अगले 2 साल तक कोई चुनाव नहीं होना है। पार्टी से निकाले भी गए तो कुमार विश्वास अपने लिए कोई दूसरा केजरीवाल ढूंढ लेंगे। दूसरी तरफ उनका कहना है कि पार्टी भी अपने लिए दूसरा कुमार विश्वास ढूंढ लेगी।

केजरीवाल ने इफ्तार पार्टी में नहीं बुलाया, फिर अटकलें शुरू

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार 23 जून को रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन किया। इस आयोजन में बड़े लोगों की शिरकत कम ही रही। निमंत्रण के बावजूद उपराज्यपाल अनिल बैजल और पूर्व मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री शीला दीक्षित इस पार्टी में शामिल नहीं हुईं। लेकिन जिस नेता के नहीं पहुंचने की चर्चा सबसे ज्यादा हुई वह हैं कवि कुमार विश्वास।

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कुमार विश्वास का इस इफ्तार पार्टी में नहीं पहुंचना हर किसी ने नोटिस किया। यह होना भी था, क्योंकि पिछले दो साल में केजरीवाल की तरफ से किए जाने वाले ऐसे आयोजन में कुमार विश्वास शामिल होते रहे हैं। बताया जा रहा है कि कुमार को इस कार्यक्रम का निमंत्रण तक नहीं भेजा गया था। रोजा इफ्तार में नहीं पहुंचने के सवाल पर कुमार विश्वास भी नाराज दिखे।


इफ्तार के लिए नहीं किया था आंदोलन

कुमार विश्वास ने इस बारे में कहा, यह दिल्ली सरकार का विशेषाधिकार है कि वह किसे बुलाए या किसे न बुलाए। उन्होंने कहा कि जंतर-मंतर पर जो आंदोलन शुरू हुआ था वह इसलिए नहीं था कि मुझे इफ्तार में बुलाया जाए या न बुलाया जाए। उन्होंने यह जरूर कहा कि पवित्र रमजान के महीने में दिल्ली सरकार दिल्लीवासियों के टैक्स के पैसे पर आयोजन कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले दो वर्ष मुझे इस कार्यक्रम में बुलाया गया, जबकि इस बार बुलाया ही नहीं गया।


विश्वास को पार्टी से निकाले जाने की सुगबुगाहट

पिछले कुछ दिनों में या कहें महीनों से आम आदमी पार्टी में जिस तरह का खेल चल रहा है, उससे पार्टी का कुमार पर से 'विश्वास' उठता दिख रहा है। इस बीच उन्हें पार्टी से निकाले जाने की सुगबुगाहट भी तेज हो गई है। खास तौर पर राजस्थान के प्रभारी बनाए जाने के बाद से वह जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं। वह पार्टी नेताओं को अखर रहा है। रविवार 18 जून को पार्टी कार्यालय में राजस्थान के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद विश्वास ने जो बयान दिया। उसमें पार्टी नेतृत्व को ही निशाना बना दिया। इससे आप नेता खासे नाराज हैं।


पार्टी को बचाने के नाम पर गालियां देते हैं बड़े भाई

सोमवार 19 जून को AAP यूथ विंग की सक्रिय पदाधिकारी वंदना सिंह ने ट्वीट कर कहा कि सुबह अखबार पढ़ो तो एक आदरणीय बड़े भाई रोज पार्टी को बचाने के नाम पर पार्टी को ही गालियां देते हैं। वंदना ने उनसे कहा कि खुद पार्टी के साथ धोखा बंद करो। भैया डॉ. कुमार विश्वास आप साक्षात्कार और बाइट में सवाल पूछते हो पार्टी से। वंदना ने सवाल किया कि तो क्या मेरे जैसे वॉलेंटियर आपसे ट्विटर पर भी नहीं पूछ सकते?


राजमहल के षड्यंत्रकारियों से नहीं डरता...

रविवार 18 जून को कुमार विश्वास ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा था कि अयोध्या के राजकुमार राम सभी से शालीनता से मिलते थे। महल के लोगों ने उनका निष्कासन किया था। बाद में वह राम के लिए सही साबित हुआ और उन्होंने रावणीय शक्तियों का खात्मा किया। कुमार विश्वास ने राजमहल के षड्यंत्रकारियों से नहीं डरने की भी बात कही। खबर तो यहां तक है कि आप नेताओं ने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि वे कुमार विश्वास के लिए राजस्थान न जाएं। बता दें कि विश्वास राजस्थान में 25 जून को एक बड़ा कार्यकर्ता सम्मेलन करने जा रहे हैं।

कुमार विश्वास को बताया गया गद्दार

आम आदमी पार्टी में चल रही अंतर्कलह शनिवार 17 जून को सड़क पर आ गई। कुमार विश्वास को भाजपा का एजेंट बताने के बाद उन्हें पोस्टर लगाकर गद्दार बताया गया। ये पोस्टर शनिवार सुबह आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यालय के बाहर लगे मिले। विवाद बढ़ता देख कुमार विश्वास के खिलाफ लगाए गए पोस्टर को लेकर पार्टी ने आनन-फानन में पोस्टर फड़वा दिए। आप ने पुलिस में शिकायत भी दी है।

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ज्ञात हो कि आप के दिल्ली के पूर्व संयोजक और प्रवक्ता दिलीप पांडेय व कुमार विश्वास के बीच की अंदरूनी लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। हाल ही में दिलीप ने विश्वास पर सवाल उठाए थे। इसके बाद शनिवार सुबह पार्टी दफ्तर के बाहर कुमार विश्वास के खिलाफ पोस्टर लगाकर पार्टी से बाहर निकालने की मांग की गई है। पार्टी दफ्तर के बाहर लगे पोस्टर में कुमार विश्वास की पार्टी में विश्वनीयता को लेकर सवाल खड़े किए गए थे। उन्हें गद्दार और धोखेबाज कहा गया था। उन्हें भाजपा का यार बताया गया था। साथ ही पोस्टर में दिलीप पांडेय का आभार भी व्यक्त किया गया था। इसमें लिखा है कि कुमार विश्वास का काला सच खुलकर बताने के लिए दिलीप भाई का आभार।

भाजपा नेताओं पर व्यक्तिगत टिप्पणी क्यों नहीं?

राजस्थान प्रभारी की हैसियत से कुमार विश्वास ने कहा था कि राजस्थान चुनाव में केंद्रीय नेतृत्व के नाम और फोटो का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी कार्यकर्ता भाजपा नेताओं पर व्यक्तिगत टिप्पणी न करें। इस पर दिलीप पांडेय ने विश्वास पर निशाना साधते हुए कहा था कि भैया आप कांग्रेस के खिलाफ बोल रहे हैं, भाजपा पर क्यों मेहरबान हैं।

यज्ञ में ताड़का, खर व दूषण डालते हैं विघ्न

अपने खिलाफ पार्टी मुख्यालय पर लगाए पोस्टर से आप नेता कुमार विश्वास भड़क गए थे। उन्होंने इसे अपने खिलाफ षड्यंत्र बताया था। उन्होंने कहा कि जब अच्छाई के लिए यज्ञ होता है तो कुछ तत्व विघ्न डालते हैं। इस बारे में पूछे जाने पर राष्ट्रीय किसान सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे आप नेता कुमार ने कहा था कि उनके खिलाफ साजिश चल रही है। उन्होंने इस साजिश में 5 से 6 लोगों को शामिल बताया, हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि जब किसी अच्छे कार्य के लिए यज्ञ होता है तो ताड़का और खर-दूषण आदि विघ्न डालने आते हैं। न जाने कुमार किसा ताड़का और किसे खर-दूषण कह रहे हैं। लेकिन पार्टी के अंदर मचे घमासान का अंत क्या होगा, इस पर अभी कयास ही लगाए जा रहे हैं। जिस तरह से कवि कुमार विश्वास AAP में परेशान दिख रहे हैं, उसके बाद अगर वह पार्टी से बाहर चले जाते हैं या उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है तो किसी को हैरानी नहीं होगी।

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