मोदी-ट्रंप की वार्ता में हाेगी चीन को रोकने और पाकिस्तान को साधने पर बात!
पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच आज होने वाली वार्ता में चीन और पाकिस्तान का भी मुद्दा जरूर होगा। पहली मुलाकात होने के चलते यह संबंधों को मजबूत बनाने में ज्यादा अहम होगी।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच आज द्विपक्षीय वार्ता होनी है। इसको लेकर दोनों ओर उत्साह साफतौर पर देखा जा रहा है। हालांकि पूर्व विदेश सचिव सलमान हैदर मानते हैं कि यह बैठक दोनों नेताओं के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिहाज से काफी अहम है, लेकिन इस बैठक से अधिक की उम्मीदें लगाना सही नहीं होगा। गौरतलब है कि यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब पिछले कुछ समय में अच्छी और बुरी दोनों ही तरह की चीजें सामने हैं। अच्छी खबरों में होवित्जर तोपों की आपूर्ति के साथ-साथ भारत को 22 गार्जियन ड्रोन सौदे पर लगी मुहर शामिल है तो बुरी में डोनाल्ड ट्रंप के वह बयान हैं जिसमें उन्होंने पेरिस समझौते से पीछे हटते हुए भारत पर लालची होने का आरोप मढ़ा था। उन्होंने कहा था कि भारत इस समझौते में सिर्फ इसलिए शामिल हुआ है क्योंकि इसके तहत उसको अरबों डॉलर की मदद मिलेगी।
आमने-सामने होगी पहली बार बात
इसके अलावा एच1बी वीजा मामले पर भी भारत और अमेरिका के मतभेद बीते दिनों खुलकर सामने आए थे। लेकिन अब जबकि दोनों राष्ट्राध्यक्ष पहली बार मुद्दों को सुलझाने के लिए आमने-सामने बैठने वाले हैं तो इस दौरान उठने वाले सभी संभावित मुद्दे बेहद खास होंगे। हालांकि अभी किन-किन मुद्दों पर बातचीत आगे बढ़ेगी इसका खुलासा पूरी तरह से नहीं हो पाया है। लेकिन अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि यदि भारत एच1बी वीजा मामले को उठाता है तो अमेरिका इसका जवाब देने के लिए भी पूरी तरह से तैयार है।
एच1बी वीजा मामला
गौरतलब है कि एच1बी वीजा का ज्यादातर इस्तेमाल भारतीय प्रोफेशनल्स द्वारा ही किया जाता है। लेकिन ट्रंप ने राष्ट्रपति का पद संभालने के साथ ही इसके नियमों में बदलाव के साफ संकेत दिए थे। जिसके बाद वहां पर रह रहे भारतीयों के भविष्य पर संकट उत्पन्न हो गया था। बहरहाल आज होने वाली मुलाकात के मुद्दे क्या होंगे और इनसे क्या निकलकर आएगा यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन इतना तय है कि इस मुलाकात पर चीन और पाकिस्तान की भी निगाहें लगी हुई हैं।
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मुलाकात से बहुत उम्मीद पालना सही नहीं
मोदी-ट्रंप की मुलाकात पर दैनिक जारगण की स्पेशल डेस्क से बात करते हुए पूर्व विदेश सचिव सलमान हैदर ने माना कि इस मुलाकात से बहुत उम्मीद लगाना सही नहीं होगा। इसकी वजह दोनों ही ओर से दिए गए बयान हैं। उनका यह भी कहना है कि किसी भी बड़ी डील पर आगे बढ़ने के लिए काफी तैयारियां की जाती हैं जो इस बार नदारद दिखाई दी हैं। पूर्व विदेश सचिव रहे सलमान हैदर के मुताबिक मोदी और ट्रंप के बीच यह पहली औपचारिक बैठक है जो दोनों के निजी संबंधों को बेहतर बनाने के लिए काफी अहम है। हालांकि उन्होंने यह जरूर माना कि इस मुलाकात से पहले अमेरिका की तरफ से जो संकेत मिले हैं वह काफी सकारात्मक हैं। इनमें एफ16 लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी लॉकहीद मार्टिन का भारत में अपना प्लांट लगाना और गार्जियन ड्रोन सौदे को मिली हरी झंडी शामिल हैं।
तो इसलिए पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा पर लगी है चीन और पाकिस्तान की निगाह
चीन-पाक पर जरूर होगी बात
उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान चीन और पाकिस्तान को लेकर बात जरूर होगी। उनका कहना था कि दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच मुलाकात का कुछ हिस्सा बेहद निजी तौर पर होता है जिसकी जानकारी तुरंत सामने नहीं आती है। बीते कुछ वर्षों में अमेरिका और भारत के संबंधों के बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ पहले भी संबंध बेहतर थे। लेकिन मौजूदा समय में पीएम मोदी ने भी इन संबंधों को मजबूत करने में काफी प्रयास किए हैं। उन्होंने यह भी माना कि भविष्य में दोनों के संबंधों में तेजी जरूर देखने को मिलेगी।
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