कमजोर विपक्ष के लिए कांग्रेस पार्टी को क्यों जिम्मेदार मानते हैं नीतीश कुमार

शकील अहमद ने जेडीयू के साथ कांग्रेस की तल्खी पर बोलते हुए कहा कि बिहार के बाहर उनका हमारे साथ कोई समझौता नहीं है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Mon, 03 Jul 2017 04:24 PM (IST) Updated:Mon, 03 Jul 2017 07:03 PM (IST)
कमजोर विपक्ष के लिए कांग्रेस पार्टी को क्यों जिम्मेदार मानते हैं नीतीश कुमार
कमजोर विपक्ष के लिए कांग्रेस पार्टी को क्यों जिम्मेदार मानते हैं नीतीश कुमार

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर महागठबंधन के बीच जो दरार खुलकर लोगों के सामने आयी है, उसके बाद भले ही इनमें शामिल दल लाख दलीलें दें लेकिन हकीकत यही है कि इनके बीच की खाई और चौड़ी होती जा रही है। इस खाई को पाटने की भले ही तमाम कोशिश हो, लेकिन आरोप-प्रत्यारोपों के सिलसिले ने इसकी नींव को और कमजोर बनाकर रख दिया है। इस बात को पुख्ता करता है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का वो ताज़ा बयान, जिसमें उन्होंने कमजोर विपक्ष के लिए सिर्फ कांग्रेस को कसूरवार करार दिया है।

कांग्रेस पर गुस्सा क्यों हैं नीतीश कुमार
महागठबंधन में भारी दरार की ख़बरों के बाद मीडिया के सामने आकर नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि यह गठबंधन अटूट है और इसे किसी तरह का कोई ख़तरा नहीं है। लेकिन, उन्होंने पहली बार कांग्रेस पर खुलकर हमला बोला और कमजोर विपक्ष के लिए उसे ही कसूरवार ठहरा दिया। नीतीश ने राष्ट्रपति उम्मीदवार के समर्थन पर कांग्रेस के ऊपर पलटवार करते हुए साफ कहा कि कांग्रेस ने उन्हें भरोसे में नहीं लिया।

2019 में नीतीश नहीं पीएम उम्मीदवार
नीतीश कुमार के बारे में ऐसा कहा जाता है कि पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए से अलग होने की एक बड़ी वजह प्रधानमंत्री पद को लेकर उनकी महत्वकांक्षा थी। हालांकि, ये बात वह लगातार नकारते रहे हैं। ऐसा ही कुछ सोमवार को मीडिया के सामने आकर भी किया, जब उन्होंने इस बारे में अपनी सफाई देते हुए कहा कि उनका दल एक क्षेत्रीय पार्टी है, इसलिए वह प्रधानमंत्री की रेस में शामिल नहीं हैं। नीतीश ने कहा कि न ही वह ऐसा कोई भ्रम पालते हैं और न ही कोई उनकी ऐसी इच्छा प्रधानमंत्री बनने की है।

नीतीश के बयान का नहीं होगा महागठबंधन पर असर
महागठबंधन में शामिल दलों के नेताओं की तरफ से पिछले दिनों एक-दूसरे पर की गई बयानबाजी, उसके बाद पार्टी नेताओं से मिली नसीहत और अब सीएम नीतीश कुमार का कांग्रेस पर पलटवार। ऐसे में Jagran.com से ख़ास बातचीत में पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री और कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने बताया कि नीतीश का बयान दिनों दिन होनेवाला सिर्फ एक मामला है। ऐसे में इसका बडे़ स्तर पर महागठबंधन के ऊपर किसी तरह का कोई असर नहीं पड़नेवाला है।

नीतीश पर नहीं डाल सकते ज्यादा दबाव- कांग्रेस
शकील अहमद ने जेडीयू के साथ कांग्रेस की तल्खी पर बोलते हुए कहा कि बिहार के बाहर उनका कोई समझौता नहीं है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी राष्ट्रपति उम्मीदवार का मामला हो या फिर कोई अन्य मुद्दा वह नीतीश कुमार पर ज्यादा दबाव नहीं बना सकते। शकील अहमद ने आगे कहा कि जिस तरह सेंट्रल हॉल में जीएसटी पर आधी रात को आयोजित कार्यक्रम का कांग्रेस ने बहिष्कार किया था, ऐसे में जेडीयू को भी सामने आकर समर्थन करना चाहिए था। क्योंकि, कांग्रेस व्यापारी वर्ग की उन मांगों का समर्थन कर रही थी, जिसमें वह सभी चाहते थे कि बिना तैयारी के इसे इतनी जल्दी लागू न किया जाए। हालांकि, यह नीतीश का अपना फैसला है। 

क्या मौके की ताक में है नीतीश कुमार?
महागठबंधन में तल्खी को लेकर जेडीयू नेता अजय आलोक ने भी नीतीश कुमार के बयान से पहले कहा कि इस गठबंधन में कोई समस्या नहीं रही है। लेकिन, अजय आलोक ने यह भी कहा कि किसी के ऊपर अपनी विचारधारा या फिर फैसला नहीं थोप सकते हैं। जाहिर है उनका यह बयान अपने आप में काफी कुछ कहता है। उधर, राजनीतिक विश्लेषक शिवाजी सरकार ने Jagran.com से खास बातचीत में बताया कि नीतीश कुमार एक अवसरवादिता की राजनीति कर रहे हैं। ऐसे में वह फिलहाल कोई ऐसा काम नहीं करेंगे, जिसके चलते उनके ऊपर यह आरोप लगे कि उनके चलते ही यह महागठबंधन टूटा है। हालांकि, शिवाजी सरकार ने कहा कि 2019 के पहले यह गठबंधन कभी भी टूट सकता है।

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