ISRO ने 36 सैटेलाइट के साथ भारत का सबसे बड़ा LVM3 रॉकेट किया लॉन्च, जानें क्या है इसकी खासियत

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 36 उपग्रहों को ले जाने वाला भारत का सबसे बड़ा LVM3 रॉकेट श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया है। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 9 बजे लॉन्च किया गया है।

By AgencyEdited By: Publish:Sun, 26 Mar 2023 09:01 AM (IST) Updated:Sun, 26 Mar 2023 09:07 AM (IST)
ISRO ने 36 सैटेलाइट के साथ भारत का सबसे बड़ा LVM3 रॉकेट किया लॉन्च, जानें क्या है इसकी खासियत
ISRO ने 36 सैटेलाइट के साथ भारत का सबसे बड़ा LVM3 रॉकेट किया लॉन्च (फोटो एएनआई)

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), एजेंसी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 36 उपग्रहों को ले जाने वाला भारत का सबसे बड़ा LVM3 रॉकेट श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया है। 

#WATCH | Andhra Pradesh: The Indian Space Research Organisation (ISRO) launches India’s largest LVM3 rocket carrying 36 satellites from Sriharikota

(Source: ISRO) pic.twitter.com/jBC5bVvmTy

— ANI (@ANI) March 26, 2023

सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 9 बजे किया लॉन्च

बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 36 उपग्रहों को ले जाने वाला भारत का सबसे बड़ा LVM3 रॉकेट लॉन्च किया है। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 9 बजे लॉन्च किया गया है।

Andhra Pradesh | The Indian Space Research Organisation (ISRO) to launch India’s largest LVM3 rocket carrying 36 satellites. It is set to lift off from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota at 9:00 am. pic.twitter.com/ucXzCRrGeT

— ANI (@ANI) March 26, 2023

इसरो ने मिशन को वनवेब इंडिया-2 दिया नाम

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मिशन को एलवीएम3-एम3/वनवेब इंडिया-2 नाम दिया है। एलवीएम3 (जीएसएलवी-एमके तीन) तीन चरणों वाला रॉकेट है, इसमें पहले चरण में तरल ईंधन, ठोस ईंधन द्वारा संचालित दो स्ट्रैप ऑन मोटर, दूसरा तरल ईंधन द्वारा और तीसरा क्रायोजेनिक इंजन है। इसरो के हैवी लिफ्ट रॉकेट की लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में 10 टन और जियो ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) तक चार टन की वहन क्षमता है। एलवीएम 3 ने अब तक चंद्रयान-2 मिशन सहित लगातार पांच सफल मिशन संचालित किया।

क्या है LVM3 रॉकेट

एलवीएम3-एम3 इसरो का भारी लिफ्ट रॉकेट है। वनवेब को भारत की दूरसंचार प्रमुख भारती समूह का समर्थन प्राप्त है और आज उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण के साथ कंपनी अपने जनरल 1 समूह के वैश्विक पदचिह्न को पूरा कर लेगी। वनवेब के पास अब कक्षा में 582 उपग्रह हैं। आज ये संख्या 618 तक जाने की उम्मीद है। कंपनी ने कहा था कि समूह को पूरा करके वनवेब भारत सहित वैश्विक कवरेज प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।

36 उपग्रहों का पहला बैच 2022 में किया गया था लॉन्च

बता दें कि 36 उपग्रहों का पहला बैच 23 अक्टूबर 2022 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा रॉकेट पोर्ट से एलवीएम3 रॉकेट के साथ लॉन्च किया गया था, जिसे पहले जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल एमके3 (जीएसएलवी एमके3) के नाम से जाना जाता था। वनवेब के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि इसरो की वाणिज्यिक शाखा, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के लॉन्च शुल्क के लिए दो चरणों में 72 उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए वनवेब के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

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