अंतरिक्ष में भारत, शुक्र अभियान के लिए इसरो की घोषणा
इसरो के चेयरमैन एएस किरन कुमार ने पहले कहा था कि शुक्र के साथ मंगल का दूसरा अभियान उनकी प्राथमिकता में है और इसके लिए अध्ययन किए जा रहे हैं।
बेंगलुरु, प्रेट्र । शुक्र अभियान के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने अवसरों की घोषणा की है। ग्रह के अध्ययन के लिए देश भर के उन संस्थानों से प्रस्ताव मांगे गए हैं, जो वर्तमान में नक्षत्र विज्ञान, अंतरिक्ष संबंधी विज्ञान के विकास से संबद्ध हैं या फिर इस तरह के प्रयोग के विकास की दिशा में काम करने के इच्छुक हैं। प्रस्ताव के लिए अंतिम तिथि 19 मई तय की गई है।
इसरो के चेयरमैन एएस किरन कुमार ने पहले कहा था कि शुक्र के साथ मंगल का दूसरा अभियान उनकी प्राथमिकता में है और इसके लिए अध्ययन किए जा रहे हैं। उनका कहना था कि अभी ये दोनों अभियान अनुसंधान के दौर में हैं। इससे जुड़ी सारी चीजों का अध्ययन पूरा होने के बाद अनुमति हासिल की जाएगी और फिर योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा।
शुक्र को पृथ्वी की जुड़वा बहन की संज्ञा दी जाती है क्योंकि दोनों में बहुत सी चीजें मिलती जुलती हैं। आकार, घनत्व और गुरुत्वाकर्षण के मामले में दोनों एक जैसे हैं। माना जाता है कि दोनों 4.5 अरब साल पहले एक ही जगह से उत्पन्न हुए। शुक्र के बारे में सारे अध्ययन 1960 के बाद भारत में शुरू हो सके। इसरो चेयरमैन का कहना है कि शुक्र की पड़ताल की दिशा में बहुत सारी सफलताएं मिलने के बाद भी काफी कुछ जानना बाकी है। यह ग्रह धरती की तुलना में सूर्य के तीस फीसदी ज्यादा नजदीक है। गौरतलब है कि 24 सितंबर 2014 को भारत ने कम लागत का अंतरिक्ष यान मंगल ग्रह पर भेजा था।