श्रीनगर में फिर लहराए गए आइएस के झंडे
सुरक्षा एजेंसियों की ओर से देश के कई शहरों में आतंकी हमलों के खतरे की चेतावनी के अगले ही दिन एक बार फिर श्रीनगर में अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के झंडे लहराए गए। इससे पहले कि पुलिस हरकत में आती झंडे लहराने वाले नकाबपोश युवक गायब हो गए। इस घटना से सुरक्षा एजेंसियां सकते में ह
श्रीनगर। सुरक्षा एजेंसियों की ओर से देश के कई शहरों में आतंकी हमलों के खतरे की चेतावनी के अगले ही दिन एक बार फिर श्रीनगर में अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के झंडे लहराए गए। इससे पहले कि पुलिस हरकत में आती झंडे लहराने वाले नकाबपोश युवक गायब हो गए। इस घटना से सुरक्षा एजेंसियां सकते में हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। कश्मीर घाटी में इससे पहले भी दो बार इसी साल आइएस समर्थक खुलेआम झंडे लहरा चुके हैं।
तीन दिन पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नई दिल्ली में दावा किया था कि कश्मीर में आइएस का कोई अस्तित्व नहीं है। कुछ नासमझ युवकों द्वारा झंडे लहराने का यह मतलब नहीं कि घाटी में भी यह आतंकी संगठन अपने पांव पसार चुका है। मुख्यमंत्री के बयान के अगले ही दिन कश्मीर की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सेना की 15 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत कुमार साहा ने यहां आइएस के झंडे लहराने को गंभीर मामला बताया था। सूत्रों के अनुसार, पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों को पहले ही सूचना मिल चुकी थी कि आइएस समर्थक युवकों का दल शुक्रवार को नमाज-ए-जुमा के बाद अपनी उपस्थिति का अहसास कराने के लिए नारेबाजी करते हुए जरूर निकलेगा। इन युवकों को पकड़ने के लिए पुलिस ने गुरुवार को ही तैयारी करते हुए डाउन-टाउन के विभिन्न इलाकों में विशेषकर जामिया मस्जिद के आसपास नाके लगा लिए थे। सीसीटीवी कैमरे भी पूरी तरह गतिशील थे और सादी वर्दी में पुलिसकर्मी भी तैनात थे। जामिया मस्जिद में जैसे ही जुमे की नमाज संपन्न हुई और वहां जुलूस निकला तो दो नकाबपोश युवक आइएस के झंडे लेकर निकल आए। उन्होंने झंडे को लहराया, इस्लामिक नारेबाजी की और फिर अचानक गायब हो गए।
इससे पहले भी कश्मीर में जून के अंत में और 11 जुलाई को जामिया मस्जिद के बाहर आइएस समर्थकों ने झंडे लहराते हुए शिया समुदाय के खिलाफ नारेबाजी की थी। शुरू में सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले को नजर अंदाज किया, लेकिन जवाहर नगर इलाके के एक युवक के आस्ट्रेलिया जाकर आइएस में शामिल होकर इराक पहुंच जाने की खबरों के बाद करीब 50 संदिग्ध युवकों की सूची तैयार की गई। एक दर्जी को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया, जिसने कथित तौर पर आइएस का झंडा सिला था।
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